जालंधर : अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर-कम-अतिरिक्त ज़िला चुनाव अधिकारी मेजर डा. अमित महाजन ने विधान सभा हलका 34- जालंधर पश्चिमी (अ.ज.) उपचुनाव के मद्देनज़र राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों द्वारा चुनाव प्रचार हित प्रिंट की जाने वाली चुनाव प्रचार सामग्री सम्बन्धित प्रिंटरों और प्रकाशकों को हिदायत करते हुए कहा कि उनके द्वारा छापी जाने वाली चुनाव प्रचार सामग्री जैसे पैंफलेट, पोस्टर, बैनर आदि पर प्रिंटर और प्रकाशक का नाम और पता छापना अनिर्वाय है।आज यहाँ ज़िला प्रशासकीय कंपलैक्स में छापकों और प्रकाशकों के साथ मीटिंग दौरान उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति चुनाव प्रचार सामग्री जैसे पैंफलेट और पोस्टर आदि जिस पर प्रिंटर और पब्लिशर का नाम नहीं है, को नहीं छापेगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता पाया जाता है तो उसे 6 महीने तक कैद या 2000 रुपए तक जुर्माना या दोनों किए जा सकते है।उन्होंने यह भी बताया कि यदि किसी भी दस्तावेज़ या चुनाव प्रचार सामग्री, जिसमें कोई ऐतराज़योग्य जैसे धर्म, नसल, जाति, भाईचारे या भाषा के आधार पर अपील की गई है या किसी विरोधी के चरित्र सम्बन्धित ऐतराज़योग्य शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है तो सबंधित व्यक्ति ख़िलाफ़ मिसाली कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।उन्होंने कहा कि यह पाबंदियाँ राजनीतिक पार्टियों, उम्मीदवारों और उनके समर्थकों द्वारा पैंफलेट और पोस्टरों आदि पर किए जाने वाले अन उचित खर्च पर रोक लगाएगी।उन्होंने यह भी स्पष्ट बताया कि धारा 127- ए का उल्लंघन करने वालों ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही, जिसमें केस दर्ज करना और छपाई प्रैस का लायसैंस आदि रद्द करना शामिल है, अमल में लाई जाएगी।उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव प्रचार सामग्री छापने से पहले प्रिंटर की तरफ से प्रकाशक से हस्ताक्षर की स्व घोषणा, जिसको दो व्यक्तियों की तरफ से तस्दीक किया गया हो, जिनको प्रकाशक जानता है, हासिल की जाएगी।उन्होंने बताया कि प्रिंटर की तरफ से यह स्व घोषना सहित छापी गई चुनाव प्रचार सामग्री की संख्या और इस पर आने वाले खर्च सम्बन्धित जानकारी चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित प्रोफार्मे में भर कर ज़िला चुनाव दफ़्तर को मुहैया करवाई जाएगी।उन्होंने आगे कहा कि आदर्श चुनाव संहिता लागू रहने दौरान ग़ैर- कानूनी फलैक्स, पोस्टरों, पैंफलेटों को रोकने के लिए टीमें पहले ही गठित कर दी गई है।अतिरिक्त ज़िला चुनाव अधिकारी ने सभी राजनीतिक पार्टियों, उम्मीदवारों और दूसरे को सुचेत किया कि यदि इस सम्बन्धित चुनाव आयोग द्वारा जारी आदेशो का उल्लंघन पाया जाता है तो सबंधितों ख़िलाफ़ सख़्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।उन्होंने यह भी बताया कि यदि कोई भी अधिकारी उक्त धारा और चुनाव आयोग के आदेशों को सही ढंग के साथ लागू करने में असफल पाया जाता है तो उसके ख़िलाफ़ सख़्त विभागीय कार्यवाही की जाएगी।इसके इलावा बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग दौरान उन्होंने कहा कि शक्की लेन-देन बारे रोज़िना की रिपोर्ट चुनाव दफ़्तर को दी जाए जिससे पैसे के दुरुपयोग को रोका जा सके।