आज नाग पंचमी है। अभी सावन चल रहा है इस महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर नाग पूजा का महापर्व नाग पंचमी मनाया जाता है। इस दिन जीवित सांप की नहीं, शिवलिंग पर स्थापित नाग देव की प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए। नाग पंचमी पर उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के ऊपरी तल मौजूद नागचंद्रेश्वर प्रतिमा के दर्शन किए जा सकेंगे। ये मंदिर साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी पर ही खोला जाता है।शिवपुराण के मुताबिक, बारह ज्योतिर्लिंगों में तीसरा है महाकालेश्वर मंदिर। पुराने समय में ये मंदिर कई बार तोड़ा गया है और कई बार बनाया गया है। महाकाल मंदिर की वर्तमान इमारत करीब 250-300 साल पुरानी मानी जाती है। मुगलों ने प्राचीन मंदिर को तोड़ दिया था, बाद में मराठा राजाओं ने महाकाल मंदिर बनवाया था।महाकाल मंदिर का निर्माण और जिर्णोद्धार समय-समय पर अलग-अलग राजाओं ने करवाया था। जब मंदिर का पुनर्निमाण हुआ, तब नागचंद्रश्वेर की मूर्ति को मंदिर के ऊपरी तल पर एक दीवार में लगा दिया गया था। तभी से ये प्रतिमा यहीं स्थापित है। हर साल नाग पंचमी पर इस प्रतिमा का दर्शन और पूजन किया जाता है। माना जाता है कि इस प्रतिमा के दर्शन मात्र से कुंडली के कालसर्प दोष का असर कम हो सकता है। हर साल लाखों भक्त नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।







