जालंधर, फिल्लौर व नकोदर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत

by Sandeep Verma
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जालंधर : राष्ट्रीय कानूनी सेवाए अथारिटी और पंजाब कानूनी सेवाएं अथारिटी के निर्देशानुसार जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी जालंधर कल शनिवार को जिला कचहरिया जालंधर सहित नकोदर और फिल्लौर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन कर रहा है, जिसमें 30 बेंच स्थापित की जाएंगी और मामलों की सुनवाई होगी। जिला एवं सैशन जज-कम-अध्यक्ष जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी जालंधर रूपिंदरजीत चहल ने इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि मामलों की सुनवाई के लिए जिला कचहरी जालंधर में 25 और नकोदर और फिल्लौर में क्रम अनुसार 3 और 2 बैंच स्थापित किए जाएगे । उन्होंने कहा कि न्यायिक न्यायालयों में लंबित दीवानी, वैवाहिक झगडे, मोटर दुर्घटना कलेम केस, बिजली कानून के कंमपाऊडेबल, ट्रैफिक चालान और फौजदारी के समझौता हो सकने वाले मामले और अन्य संस्थाओं जैसे बैंकों, बिजली विभाग, भारत संचार निगम और वित्तीय संस्थानों के प्रीलिटीगेटिव केसों का फैसला राजीनामे से करने के लिए लोक अदालत लगाई जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि इस लोक अदालत अधिक से अधिक केसों का फैसला करवाने के लिए जहां न्यायिक अधिकारियों, वकीलों, बैंक अधिकारियों, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, जिला विकास और पंचायत अधिकारियों और अन्य अधिकारियों के साथ बैठकें की गई है, वहीं स्कूलों और गांवों में सैमीनार से अधिक से अधिक जागरूक किया गया है ,ताकि लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक लोग अपने मामलों का निर्णय करवा सकें। उन्होंने कहा कि एनआरआई महिला थानों में लंबित लगभग 100 शिकायतों के निपटारे के लिए विशेष बैंच का गठन कर मध्यस्थता के माध्यम से केसों का निपटारा करने का प्रयास किया जाएगा, साथ ही राजस्व विभाग से संबंधित इंतकाल/फर्द संबंधी मामलों का भी निपटारा किया जाएगा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने लोक अदालतों के महत्व की जानकारी देते हुए कहा कि लोक अदालतों का उद्देश्य लोगों को त्वरित और सस्ता न्याय प्रदान करना है। लोक अदालत का निर्णय अंतिम होता है और इसके निर्णय के खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि लोक अदालतों के माध्यम से निर्णय लेने से पैसे और समय की बचत होती है और भाईचारा भी बढ़ता है।
इस अवसर पर सी.जे.एम. कम सचिव जिला कानूनी सेवाए अथारिटी जालंधर डा. गगनदीप कौर ने कहा कि इन लोक अदालतों का संचालन समय-समय पर कानूनी सेवाए अथारिटी द्वारा किया जाता है ,ताकि आपसी सहमति और सौहार्दपूर्ण समाधान के माध्यम से विवादों को सुलझाया जा सके।

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