जालंधर : डा. रणधीर सिंह ठाकुर ने जालंधर के मुख्य कृषि अधिकारी का पद संभाल लिया है। पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि रबी सीजन के दौरान किसानों को खाद को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी।उन्होंने बताया कि रबी सीजन के दौरान जिले में लगभग 35000 मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता होती है और लगभग 39333 मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता होती है. और डी.ए.पी विकल्प के तौर पर उपयोग किये जाने वाले अन्य उर्वरक जिले में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा रबी सीजन के लिए किसानों को आवश्यक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उर्वरक विक्रेताओं/डीलरों की दुकानों एवं गोदामों की जांच करने के साथ-साथ किसानों को डी.ए.पी.के विकल्पों के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने समूह डीलरों को किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरक, बीज और कीटनाशक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।डा.रणधीर सिंह ने कहा कि डी.ए.पी विकल्पों में ट्रिपल सुपर फॉस्फेट (0:46:0), एनपीके 12:32:16, सिंगल सुपर फॉस्फेट एनपीके 16:16:16 और नाइट्रो फॉस्फेट 20:20:13 उर्वरकों का भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ये उर्वरक डीएपी की तरह ही कारगर है और फॉस्फोरस युक्त किसी भी उर्वरक के विकल्प के तौर पर उपयोग किया जा सकता है उन्होंने कहा कि इन उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी में पोषक तत्व बरकरार रहते हैं और पैदावार पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि आवश्यक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ किसानों को पराली के उचित प्रबंधन के लिए भी जागरूक किया जा रहा है।इस अवसर पर उन्होंने पूरे स्टाफ को किसानों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करने के निर्देश भी दिया।