

जालंधर : देहात पुलिस के एसएसपी हरविंदर सिंह विर्क ने प्रैस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए कहा कि फौजा सिंह ने पंजाब और भारत का पूरे दुनिया में नाम रोशन किया था। फौजा सिंह घर से सैर करने के लिए निकले थे। 120 मीटर दूर जब वह जालंधर पठानकोट हाईवे पर पहुंचे तो वहां पर उक्त फॉर्च्यूनर द्वारा उन्हें टक्कर मार दी गई। मौके पर फौजा सिंह के कुछ जानकारों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां उनकी इलाज दौरान मौत हो गई थी गाड़ी के कुछ हिस्से हमें क्राइम सीन से मिले थे। जिसके आधार पर एक्सपर्ट को उक्त टुकड़े दिखाए गए। जिससे पता चला कि उक्त गाड़ी पुराने मॉडल की फॉर्च्यूनर थी। जिससे बाद उक्त गाड़ी को मंगलवार को शाम ट्रेस की गई। घटना के वक्त उक्त जगह से करीब 40 से ज्यादा गाड़ी निकली थी। जब हमने सीसीटीवी खंगाले तो सीसीटीवी में बरामद किया गया हिस्सा उक्त फॉर्च्यूनर गाड़ी से गायब था। जिससे पुलिस को पुख्ता हो गया कि उक्त गाड़ी के साथ ही एक्सीडेंट हुआ है जब हमने सीसीटीवी चेक करने का दायरा बढ़ाया तो गाड़ी का नंबर ट्रेस हुआ। जिससे आरोपियों की पहचान की गई। अमृतपाल के पास साल 2027 तक वर्क पर्मिट था। हर साल अमृतपाल थोड़े दिनों के लिए आता था। पुलिस ने इस केस को चैलेंज के तौर पर लिया था। पुलिस ने मामला 30 घंटों के अंतराल में सुलझा लिया है। गाड़ी भी बरामद कर ली गई है। पूछताछ में आरोपी माना कि वह हादसे के बाद घबरा गया था, जिसके चलते वह वहां से फरार हो गया था। अमृतपाल ने माना कि जालंधर की ओर आना था और फिर गांव गांव होते हुए अपने घर लौटना था। अमृतपाल सिंह के पास ड्राइविंग लाइसेंस था। कनाडा में अमृतपाल लेबर करता था और उसके पिता की मौत हो चुका है।









