सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने करतारपुर से आप पार्टी के विधायक बलकार सिंह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की क्योंकि अपने बेटे के लिए आरक्षण प्राप्त करने के लिए उन्हे 50 फीसदी विकलंाग दर्शाया

by Sandeep Verma
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जालन्धर : पूर्व मंत्री और अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने आज करतारपुर के विधायक बलकार सिंह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है, क्योंकि उन्होने अपने बेटे को सबइंस्पेक्टर के रूप में  भर्ती सुरक्षित करने के लिए 50 फीसदी विकलांगता दर्शाई है तथा इस अवैध कार्य में मिलीभगत करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
अकाली नेता ने यह भी खुलासा किया कि कैसे आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा गैर पंजाबियों को अत्यधिक उच्च वेतन पर काम पर रखा जा रहा है, जो इस क्लाज का उल्लंघन है, जिसमें सभी उम्मीदवारों को पंजाबी का ज्ञान होना आवश्यक है। इनमें दिल्ली के  ओखला के आदिल आजमी शामिल हैं, जिन्हे मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ओएसडी (मीडिया) के साथ साथ सरकारी घर और वाहन के भत्तों के साथ 1.50 लाख रूपये और 1.25 लाख रूपये के वेतन पर सोशल मीडिया मैनेजर के रूप में नियुक्त किया है प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सरदार मजीठिया ने कहा कि करतारपुर के विधायक और पंजाब पुलिस के पूर्व डीसीपी बलकार सिंह के बेटे सिशोभितवीर सब इंस्पेक्टरों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में उर्तीण नही हुए थे, जिसके लिए प्रक्रिया अगस्त 2021 में पिछली कांग्रेस सरकार ने शुरू की थी। उन्होने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग में परीक्षा उर्तीण करने में विफल रहने के एक साल से अधिक समय के बाद शिशोभितवीर ने अपनी श्रेणी बदलने की मांग की। ‘‘ 20-10-22 को राज्य के डीसीपी ने पूर्व डीसीपी के अनुरोध पर एक पत्र दिया, जिसमें कहा गया कि उनका बेटा विकलांग पुलिस अधिकारियों के बच्चों को दिए गए दो फीसदी आरक्षण के तहत भर्ती के लिए योग्य है और बलकार सिंह 50 फीसदी विकलांग है’’। सरदार मजीठिया ने कहा कि शिशोभितवीर ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया ओर भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी, जिसमें 4000 उम्मीदवारों को शाॅर्टलिस्ट किया गया था, वह झूठा था। सरदार मजीठिया ने यह साबित करने के लिए तस्वीरें दिखाई कि बलकार सिंह 50 फीसदी विकलंाग नही है, जैसा कि दावा किया गया था। उन्होने यह भी कहा कि नियमानुसार सरकारी पद के लिए आवेदन करने वाला उम्मीदवार एक बार आवेदन जमा करने के बाद अपनी श्रेणी में बदलाव नही कर सकता है। वरिष्ठ अकाली नेता ने कहा , ‘‘ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान करतारपुर विधायक की मदद करने के लिए आगे आए और राज्य के डीजीपी ने भी विधायक को गलत प्रमाण पत्र दिया है , दोनों मुददों की जांच की जानी चाहिए और सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए’’।मीडिया विभाग में दो भर्तियों के बारे में बोलते हुए सरदार मजीठिया ने कहा कि दोनो भर्तियों को रदद किया जाना चाहिए, क्योंकि उम्मीदवारों ने मैट्रिक स्तर तक पंजाबी का अध्ययन नही किया है। उन्होने दिल्ली और भारत के अन्य हिस्सों से अधिकारियों   को भर्ती किए जाने की भी निंदा की। उन्होने कहा, ‘‘ ऐसा लगता है कि पंजाब के पास कोई प्रतिभा नही है’’। उन्होने कहा कि हाल ही में सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए दो योग शिक्षकों को एक एक लाख रूपये के वेतन पर नियुक्त किया है। उन्होने कहा कि इसी तरह सत्य गोपाल को रेरा का चैयरमैन, राकेश गोयल को मैंबर रेरा और सतबीर बेदी को पीएसईबी का चेयरपर्सन बनाकर दिल्ली के पूर्व अफसरशाहों को पंजाब में एडजस्ट किया जा रहा है। मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए सरदार मजीठिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के साथ फिर से जुड़ने का सवाल ही पैदा नही होता। उन्होने कहा कि भाजपा  पंजाब में किसानों के हितों के खिलाफ काम कर रही है, तथा किसानों को हर स्तर पर परेशान किया जा रहा है, जिसमें उनके गेंहू की उपज के मूल्य में कटौती के साथ साथ एनएसए जैसे दमनकारी कानूनों के तहत नौजवानों को प्रताड़ित किया जाना शामिल है।

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