जालंधर : पूर्व मंत्री और वरिष्ठ अकाली नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने ब्यास नदी में कूद कर आत्महत्या करने वाले दो भाइयों की पगड़ी उतारकर थाने में पीटा गया तथा उनका अपमान कर उनकी मौत के लिए जिम्मेदार एसएचओ और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ उकसाने का मामला दर्ज करने की मांग की है । प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अकाली नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि पुलिस दावा कर रही है कि 15 अगस्त को संबंधित पुलिस स्टेशन के सीसीटीवी कैमरे काम नही कर रहे थे। उन्होने कहा, ‘‘ यह स्पष्ट तौर पर वीडियो फुटेज को हटाकर मामले को कमजोर करने की कोशिश करने की साजिश रची गई है। उन्होने कहा कि यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी दो अलग-अलग मामलों में स्पष्ट किया था कि एक पुलिस स्टेशन का हर हिस्सा सीसीटीवी कैमरे की नजर में होना चाहिए। उन्होने कहा कि यह संभव ही नही है कि स्वतंत्रता दिवसर पर सीसीटीवी कैमरे काम नही कर रहे हो, जबकि राज्य और देश में इस अवसर पर देश मे ंहमेशा सुरक्षा बढ़ा दी जाती है। सरदार मजीठिया ने कहा कि एक महिला की शिकायत पर उसके ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाय, एसएचओ नवदीप सिंह और महिला कांस्टेबल जीवनजोत कौर और एएसआई बलविंदर कुमार सहित अन्य पुलिस कर्मचारियों ने मानवजीत सिंह ढ़िल्लों को बेरहमी से पीटा। यहां तक कि ‘‘ उनकी पगड़ी तक हवा में उछाली गई और उन्हे पानी देने से भी इंकार कर दिया गया’’। सरदार मजीठिया ने कहा कि जशनजीत सिंह ढ़िल्लों अपने भाई मानवजीत सिंह ढ़िल्लों के साथ किए गए दुव्र्यवहार को सहन नही कर सके और वह ब्यास नदी की ओर चले गए। उन्होने कहा कि उनके भाई मानवजीत और एक दोस्त के समझाने के बावजूद वह नही माने और दोनों ब्यास नदी में कूद गए। उन्होने कहा, ‘‘ यह चैंकाने वाली बात है कि मामले में न्याय के लिए दोनो भाईयों के पिता द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत मान और डीजीपी गौरव यादव से लिखित अपील करने के बाद भी दोनों ने इस मुददे पर चुप्पी साध रखी है’’।
सरदार मजीठिया ने कहा कि पुलिस दोनों भाइयों के शवों का पता लगाने में विफल रही और परिवार ने स्वयं गोताखोरों को काम पर लगाया फिर भी शवों का पता नही चला। उन्होने कहा कि अब पुलिस यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि शवों का पता नही चला पा रहा है, क्योंकि कानून कहता है कि जब तक शवों का पता नही चल जाता, तब तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की जा सकती’’। सरदार मजीठिया ने दोनों भाइयों के लिए न्याय की मांग के लिए जालंधर के कमिशनर आॅफ पुलिस और डीजीपी से मिलेगें और अगर पुलिस इस मामले में कार्रवाई करने में नाकाम रही तो अकाली दल पीड़ित परिवार की ओर से पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाए्रगा। उन्होने कहा,‘‘ हम इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए पूरा जोर लगाएंगें’’।