जालंधर : पंजाब वक्फ बोर्ड ने एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत 1 फरवरी 2024 से अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है।सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सहायता (एफ.ओ.आर.) नीति के तहत, वक्फ बोर्ड अब अपने ए-ग्रेड अधिकारियों, ग्रुप-बी कर्मचारियों और मौलानाओं को आजीवन पेंशन प्रदान करेगा। यह फैसला 1 फरवरी 2024 से लागू हो गया है।वक्फ बोर्ड प्रशासक एम.एफ. फारूकी ए.डी.जी.पी. ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब वक्फ बोर्ड द्वारा जन कल्याण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है।उन्होंने कहा कि अब पंजाब वक्फ बोर्ड के मौलाना, जिनकी आजीवन पेंशन 3 हजार रुपये थी, उन्हें बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा ग्रुप- ए के अधिकारियों को 25,000 रुपये, ग्रुप बी को 20,000 रुपये, ग्रुप सी को 15,000 रुपये और ग्रुप डी के कर्मचारियों को 10,000 रुपये की पेंशन दी जाएगी।उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों के लिए वित्तीय सहायता नीति को मंजूरी दे दी गई है।इसके अलावा स्कूल-कालेजों सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों के कर्मचारियों को भी इस नीति में शामिल करने के लिए एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें सी.ई.ओ. लतीफ अहमद सहित प्रशासनिक अधिकारी, अकाउंटेंट और अन्य अधिकारी शामिल है जो इस बात की समीक्षा करेगें कि वक्फ बोर्ड को किस तरह की नीति बनानी चाहिए, जिसके तहत टीचिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों को भी इस नीति के तहत पेंशन का अधिकार मिलेगा।एम.एफ. फारूकी ने कहा कि वक्फ बोर्ड लगातार जिलों में कब्रिस्तान की जगह मुहैया करवा रहा है और शिक्षा नीति में सुधार कर छात्रों को बढिया शिक्षा मुहैया करवा रहा है।उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य काम विभाग और उसके कर्मचारियों की बेहतरी है, जिसके लिए आने वाले समय में और भी बड़े फैसले लिए जाएंगे, जिसका सीधा लाभ पंजाब की आम जनता को होगा। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड ने पहले ही अपने सभी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि कर दी है और स्कूलों और कालेजों के शिक्षण कर्मचारियों के वेतन ग्रेड में भी सुधार किया गया है।