भोगपुर : भोगपुर सहकारी चीनी मिल के प्रशासक संग्राम सिंह ने आज चीनी मिल में बनने वाले बायो सी.एन.जी प्लांट में म्युंसीपल कचरे की प्रोसैसिंग की अफ़वाहों को बेबुनियाद बताया।चीनी मिल में हुई मीटिंग की अध्यक्षता करते प्रशासक- कम- डिप्टी रजिस्ट्रार सहकारी सभाओं ने बताया कि कंपनी के साथ हुए समझौते ( एम.ओ.यू.) अनुसार इस प्लांट में म्युंसीपल कचरे की प्रोसैसिंग की कोई व्यवस्था नहीं है।भोगपुर शुगर मिल के जनरल मैनेजर सुरिन्दर पाल सहित प्रशासक ने बताया कि प्लांट के संचालन के लिए ईंधन के तौर पर गन्ने की पिड़ाई दौरान पैदा होने वाली कम्परैस अवशेष ( प्रैस मड) को ही इस्तेमाल किया जाएगा।मीटिंग में जालंधर नगर निगम और पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी भी मौजूद थे, जिन्होंने इस बात की पुष्टि की कि उक्त जगह पर म्यूंसीपल कचरे को प्रोसैस करने का कोई प्रबंध या प्रस्ताव नहीं है।और ज्यादा जानकारी देते जनरल मैनेजर ने स्पष्ट किया कि समझौते अनुसार कंपनी लीज़ पर दी गई ज़मीन पर कोई कर्ज़ नहीं लेगी। उन्होंने 23 जुलाई को कुछ अखबारों में प्रकाशित खबरों को बेबुनियाद और गुमराह करने वाला बताते हुए इसकी निषिद्धता की। उन्होंने आगे बताया कि कंपनी की तरफ से 7 एकड़ ज़मीन पर बायो सी. एन. जी. प्लांट स्थापित करने के लिए पहले ही अलग- अलग विभागों से एन. ओ. सी. प्राप्त की जा चुकी है।इसी तरह जालंधर नगर निगम के प्रतिनिधियों ने दोहराया कि प्लांट पर निगम के कचरे को प्रोसेस नहीं किया जायेगा। इसकी बजाय संचालन के लिए प्लांट में ईंधन के तौर पर गन्ने की पिड़ायी से पैदा होने वाली कम्परैस अवशेष-( प्रैस मड) को इस्तेमाल किया जाएगा।अधिकारियों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह उपाय समझौते में दिखाई व्यवस्था और संबंधित विभागों से ज़रूरी मंज़ूरियों के अनुसार है।







