जालंधर ( एस के वर्मा ): राज्य सशस्त्र पुलिस जालंधर के स्पैशल डायरैक्टर जनरल पुलिस आईपीएस अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता 60 साल की आयु पूरी होने पर सेवानिवृत्त हुए, उनके सम्मान में पीएपी परिसर में विदाई परेड का आयोजन किया गया, जिससे स्पैशल डीजीपी ने सलामी ली। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता ने अपने करियर के दौरान एसीपी से लेकर डीजीपी रैंक तक विभिन्न पदों पर सेवाएं निभाई। एमए राजनीति शास्त्र करने और आईपीएस बनने के बाद इकबाल प्रीत सिंह सहोता ने होशियारपुर, तरनतारन, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब, अमृतसर देहाती और बरनाला में एसएसपी के तौर पर सेवाएं निभाई और प्रथम आईआरबी के कमांडेंट बने रहने के साथ पटियाला फिरोजपुर और बार्डर रेंज में बतौर डीआईजी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई।
स्पैशल डीजीपी के पद से सेवानिवृत्त सहोता ने एसएसपी व डीआईजी रहते जनहितैषी नीतियों के विकास के साथ-साथ अपराध पर लगाम लगाने के लिए अहम कदम उठाए। उन्होंने पुलिस के कामकाज में और सुधार लाने के लिए कई पहलों को लागू किया। सहोता ने पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग, कमांडो ट्रेनिंग सेंटर बहादुरगढ़, लोकपाल पंजाब, बार्डर रेंज अमृतसर और पंजाब पुलिस मुख्यालय में आईजी के रूप में भी काम किया। इसके अलावा वह एडीजीपी पुलिस प्रोविजनल एंड मॉडरेशन पंजाब पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन, डायरेक्टर ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन, एडीजीपी, आईवीसी और ह्यूमन राइट्स, एडीजीपी एडमिन, एडीजीपी जेल, रेलवे विभाग और स्पेशल डीजीपी सशस्त्र पुलिस के पद पर तैनात रहे। इस अवसर पर इकबाल प्रीत सिंह सहोता ने अपने जीवन और सेवा के अनुभव भी सांझा किए।
अलग-अलग पदों पर रहते विशिष्ट सेवाओं के लिए इकबाल प्रीत सिंह सहोता को बहादुरी पुलिस मैडल , कैथिन सेवा मैडल, सराहनीय सेवा के लिए पुलिस मैडल से भी सम्मानित किया गया। 31 अगस्त को उनके सेवानिवृत्त होने के अवसर पर स्पैशल डीजीपी पीएपी प्रशिक्षण केंद्र के कमांडेंट मनदीप सिंह की अगवाई में परेड ने सलामी दी। परेड के दौरान एडीजीपी (एचआरडी) शशि प्रभा द्विवेदी, एडीजीपी मानवाधिकार आयोग एन.के.अरोड़ा, एडीजीपी तकनीकी सेवाएं राम सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर जालंधर के पुलिस कमिश्नर गुरशरण सिंह संधू, डिप्टी कमिश्नर जसप्रीत सिंह, रिटायर्ड डीजीपी एम.एस. भुल्लर, सेवानिवृत्त डीजीपी राजन गुप्ता, सेवानिवृत्त आईजीपी के.एल.लेखी, सेवानिवृत्त आईजीपी अमर सिंह चाहल, सेवानिवृत्त आईपीएस दविंदर सिंह गरचा के अलावा विभिन्न बटालियनों के कमांडेंट और अन्य अधिकारी मौजूद थे।