जालंधर ( एस के वर्मा ): डिप्टी कमिश्नर जसप्रीत सिंह ने आज बाल कल्याण समिति जालंधर के कामकाज की समीक्षा करते हुए स्कूली बच्चों को बाल शोषण के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए। स्थानीय जिला प्रशासकीय परिसर में बाल कल्याण समिति की तिमाही समीक्षा बैठक के दौरान डिप्टी कमिशनर ने समिति के अधिकारियों को स्कूली बच्चों को अपनी सुरक्षा प्रति जागरूक करने के लिए बाल शोषण, पोक्सो एक्ट और जसटिस जुवेनाईल अधिनियम के बारे में जागरूक किया जाए ताकि उन्हें किसी भी प्रकार के शोषण से बचाया जा सकता है। उन्होंने इस उद्देश्य के लिए हर 15 दिन के बाद विभिन्न स्कूलों में जागरूकता गतिविधियों का संचालन करने के लिए कहा और साथ ही बच्चों की काउंसलिंग करवाने के भी निर्देश दिए। जसप्रीत सिंह ने समिति के पदाधिकारियों को 0-18 वर्ष की आयु के अनाथ, बेसहारा या विकलांग बच्चों को रहने, खाने-पीने और देखभाल की सुविधा प्रदान करने के लिए जिले में चल रहे सभी सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने इन घरों में साफ-सफाई, बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच, सुरक्षा, भोजन की गुणवत्ता के निर्देश भी दिए। बैठक के दौरान डिप्टी कमिश्नर ने बाल भीख, बाल मजदूरी, बाल विवाह से जुड़े मामलों पर भी चर्चा की। जिला बाल संरक्षण अधिकारी अजय भारती ने डिप्टी कमिश्नर को बाल कल्याण समिति की समस्याओं से अवगत करवाया, जिस पर उन्होंने जल्द ही समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया। बाल कल्याण कमेटी के चेयरमैन सुखजिंदरपाल सिंह ने अवगत करवाते हुए बताया कि चाईल्ड इन नीड आफ केयर प्रोटैक्शन श्रेणी में 35 मामले प्राप्त हुए, जिनमें से 19 का निपटारा किया जा चुका है । उन्होने बताया कि कमेटी की तरफ से 0-18 साल के अनाथ , बेसहारा, या दिव्यांग बच्चों के रहने , खाने-पीने और देखभाल की सुविधा देने वाली सभी सरकारी और गैर सरकारी संगठनों का निरीक्षण किया गया और वर्ष 2021-22 के दौरान ऐसे 8 निरीक्षण किए जा चुके है। इसके इलावा बच्चों को गोद लेने के को लीगल फ्री भी किया जा चुका है। इस अवसर पर लेबर कमिश्नर कुंवर बावा, बाल कल्याण समिति के सदस्य बलदेव सिंह, सुपरडैंट हरविंदर कौर और नीना, कानूनी संरक्षण अधिकारी संदीप कुमार आदि उपस्थित थे।