सियासी लीडरों के दबाव में मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों को छीनने का प्रयास कर रहा कैंटोनमेंट बोर्ड : नईम खान एडवोकेट

by Sandeep Verma
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जालंधर  : पंजाब को गुरुओं और पीरों की धरती कहा जाता है, जहां एक दूसरे के धर्म का मान सम्मान सबसे अहम है। लेकिन इसी धरती पर अब मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों को छीनने का प्रयास किया जा रहा है। इसका इजहार प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुस्लिम संगठन पंजाब के प्रधान एडवोकेट नईम खान ने किया।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश भर खासतौर पर भाजपा शासित राज्यों में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ उनकी धार्मिक धरोहर उनकी मस्जिदों को शहीद किया जा रहा है उसी बीजेपी की तर्ज पर अब पंजाब में भी काम शुरू हो गया है जिस पर मुस्लिम समुदाय ने कड़ा रोष व्यक्त किया है।एडवोकेट नईम खान ने कहा की जालंधर कैंटोनमेंट बोर्ड की ओर से जालंधर कैंट में स्थित 100 साल पुरानी ईदगाह को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया गया है। 17 जुलाई 2025 वीरवार को कैंटोनमेंट बोर्ड की तरफ से ईदगाह के बाहर नोटिस चिपकाते हुए 29 जुलाई को पंजाब वक्फ बोर्ड और ईदगाह मैनेजमेंट कमेटी को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि भारत पाक विभाजन से पहले 1909 के करीब अंजुमन इस्लामिया कमेटी की तरफ से इस जगह को ईदगाह के लिए वक्फ किया गया था, तब से लेकर अब तक इसमें मुस्लिम समुदाय अपनी धार्मिक आस्था के अनुसार नमाज अदा करता आ रहा है, लेकिन अब आम आदमी पार्टी की सरकार में कैंटोनमेंट बोर्ड ने ईदगाह और उसके अंदर बनी मस्जिद को खाली करवाने की कोशिश की जा रही है, जो की संविधान के मुताबिक किसी भी समुदाय के नियमों की उल्लंगना है। यह वही ईदगाह है जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री से लेकर दर्जनों कैबिनेट मंत्री, विधायक और भाजपा के कई सीनियर नेता मुस्लिम समुदाय के साथ उनकी ईद की खुशियों में शामिल हो चुके हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनो से लगातार आम आदमी पार्टी की सरकार में इस 100 साल पुरानी ईदगाह को खाली करवाने के लिए अंदर खाते पूरी कोशिश की जा रही है। जिसे लेकर जालंधर सहित पंजाब भर में मुस्लिम समुदाय के अंदर हम आदमी पार्टी के लिए एक गहरा रोष पाया जा रहा है।एडवोकेट नईम खान ने कहा कि जालंधर के मुस्लिम समुदाय लगातार पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करता रहा है। आम आदमी पार्टी ने अभी तक कुछ भी मुस्लिम समुदाय का साथ नहीं दिया है।वहीं कैंटोनमेंट बोर्ड भी मुस्लिम समुदाय के पक्ष को नजरअंदाज करते हुए सयासी दबाव में आकर एकतरफा कार्रवाई की जा रही है।मुस्लिम समुदाय ने मांग की है कि सरकार इसमें हस्तक्षेप करें, नहीं तो मुस्लिम समाज के लोग जालंधर ही नहीं पूरे पंजाब की सड़कों पर उतरकर तीखा रोष प्रदर्शन करेंगे।जालंधर के मुस्लिम समुदाय ने सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील करते हुए कहा है कि हक और इंसाफ की लड़ाई में मुस्लिम समाज का साथ देना चाहिए और अब यह मौका है कि मुस्लिम समुदाय के धार्मिक व संवैधानिक अधिकार की उल्लंगना ना की जाए और जो भी पार्टी इसमें मुस्लिम समुदाय का साथ देगी मुस्लिम समुदाय भी खुलकर उनके समर्थन करेगा।वह भले ही बीजेपी, आम आदमी पार्टी की सरकार या फिर कांग्रेस पार्टी हो हम उनके साथ खुलकर समर्थन करेंगे।
इस अवसर पर समाजसेवी मो. कयूम खान दीपनगर, खुर्शीद अली, दिलशाद, रिजवान, मास्टर तौसीफ‌ , सिकन्दर शेख, मोहम्मद इद्रीस, एम.आलम मजाहिरी, जब्बार सलमानी, परवेज़, शावेज, मुजम्मिल, नासिर, तौसीफ, मुस्तकीम, मो. नासिर,इमाम हाफिज मआज़, शकील खान, ,व अन्य मुस्लिम समाज के लोग मौजूद थे

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