मुस्लिम संगठन पंजाब की ओर से महफिल-ए-गजल में कलाकारों ने समां बांधा

by Sandeep Verma
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जालंधर : मुस्लिम संगठन पंजाब के प्रधान एडवोकेट नईम खान की ओर से रंजीत सिंह ऐवेन्यू, सुर्य एन्क्लेव में महफिल-ए-गजल का आयोजन किया गया। जिसमें प्रसिद्ध सुफी सिंगर गुलाम अली व तबला वादक मास्टर सलीम सुल्तानी गोराया व अन्य गजल गायकों ने अपनी प्रस्तुति से समा बांध दिया। और लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।इस अवसर पर एडवोकेट नईम खान ने अतिथियों कलाकारों का भव्य स्वागत किया। सुफी गजल गायक गुलाम अली ने देर शाम तक दर्शकों को गजल अदायगी से बांधे रखा।

*फासले ऐसे भी होंगे, यह कभी सोचा ना था*
*सामने बैठा था मेरे, और वह मेरा ना था*

*कहां आकर रुके थे रास्ते, कहां मोड था उसे भूल जा*
*वह जो मिल गया उसे याद रख, जो नहीं मिला उसे भूल जा*

*दिल की दुनिया को जो बर्बाद किया करता है*
*इस बेदर्द को फिर दिल याद किया करता है*

*जब कभी जुल्म वह ईजाद किया करता है*
*सबसे पहले वह मुझे याद किया करता है।*
सिंगर गुलाम अली के इस शेर पर लोगों ने खूब तार दिए।
इस अवसर पर मुस्लिम संगठन पंजाब के जनरल सेक्रेटरी अमजद अली खान, जिला चेयरमैन मोबीन अहमद, ऑल इंडिया जमात ए सलमानी ट्रस्ट के राष्ट्रीय प्रधान हाजी आबिद हसन सलमानी, मस्जिद ए खुदा खांबड़ा के प्रधान मजहर आलम, वसीम खान, वारिस मलिक, हरजिंदर कुमार, नदीम सलमानी, साहिल सलमानी, सलमान सलमानी, वसीम अंसारी, प्रदीप राजा, समीर खान, हाजी अब्दुल खान, सैय्यद अली, आदि मौजूद थे।

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