जालंधर :पालतू पशुओं के कल्याण और व्यापार को नियमन की दिशा में एक विशेष कदम उठाते हुए, कुत्ते पालने वालों के साथ-साथ कुत्तों, बिल्लियों और पक्षियों का व्यापार करने वाले दुकानदारो की पशुपालन विभाग के पास रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में अनैतिक पशु प्रजनन और पशु दुर्व्यवहार को रोकना है। जानकारी देते हुए डिप्टी डायरेक्टर पशुपालन विभाग, जालंधर डा. हारुन सिंह ने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार पालतू पशु व्यापार से जुड़े व्यक्तियों को पंजाब राज्य पशु कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विभाग ने पशुपालन अधिकारियों को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए क्षेत्र में पालतू पशु दुकानदारों और प्रजनकों के साथ तालमेल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा सरकार ने जिला और तहसील स्तर पर पशु कल्याण समितियों का गठन किया है। उन्होंने कहा कि इन समितियों में पशुपालन विभाग, पुलिस, वन, वन्य जीव संरक्षण विभाग, स्थानीय सरकार और एसपीसीए का निजी सदस्य शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इन समितियों को पशु क्रूरता की शिकायत की जांच करने और उचित कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है, ताकि पशु कल्याण अधिनियम को पूरे पंजाब में प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।उन्होंने जिला जालंधर के पालतू पशु दुकानदारों और कुत्ते पालने वालों से अपील की कि वे पंजीकरण तुरंत पूरा करें, ताकि भविष्य में किसी भी परेशानी से बचा जा सके।







