जालन्धर ( एस के वर्मा ): केयर फॉर आटिज्म जालंधर ऑटिस्टिक बच्चो के लिए पिछले डेढ़ साल से काम कर रही है । अभी तक के सफर में इस फाउंडेशन ने बहुत से ऑटिस्टिक बच्चो के जीवन में पॉजिटिव बदलाव लाये है[ केयर फॉर आटिज्म ऑटिस्टिक बच्चो के लिए अपने आप में एक सम्पूर्ण आर्गेनाईजेशन है । जिसमे स्पीच थेरपी, ऑक्यूपेशनल थेरपी, स्पेशल एजुकेशन और एक्टिविटीज ऑफ़ डेली लिविंग पर काम किया जाता है।
इसके अतिरिक्त चीफ एडवाइजर और क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट अतुल मदान की निगरानी में आटिज्म असेसमेंट की सुविधा भी उपलब्ध है । इसके अंतर्गत बच्चो की विस्तार पूर्वक जांच होती है और उनकी ज़रूरतों के अनुसार उन्हे थेरेपी सेशन प्रदान किये जाते है । इसके साथ साथ ऑटिस्टिक बच्चो के माता पिता को हर प्रकार की जानकारी और ट्रेनिंग दी जाती है। जिस से
उन्हें अपने बच्चो की जरूरतों को समझने और पूरा करने में सहायता मिलती है, बच्चो की क्षमता के अनुसार केयर फॉर आटिज्म के एक एकड़ में बने हुए सेण्टर में उनके लिए स्पोर्ट्स एक्टिविटीज प्लान की जाती है। जो की उनकी मेन्टल और फिजिकल ग्रोथ के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसी सोच और समझ को आगे बढ़ाने के लिए सेण्टर हेड रघु बेहल जी ने ग्रोइंग टुगेदर थीम के अंदर अपनी टीम की लर्निंग बढ़ने के लिए और स्पेशल बच्चो की ज़िंदगी को और बेहतर कैसे बनाए की समझ को बढ़ाने के लिए स्पेशल एक्सपर्ट प्रीती सिवाच और इंद्राणी बासु को दिल्ली से बुलाया गया है। जिन्होंने विज़ुअल स्केडुले और लर्निंग के अन्य तरीको के बारे में गहराई से समझाया और केयर फॉर आटिज्म की टीम की जानकारी बढाई । प्रीती सिवाच और इंद्राणी बासु जी ने बताया है की आटिज्म वाले बच्चो को अगर सिस्टमेटिकली डिज़ाइन स्ट्रक्चर ट्रेंनिग दी जाये तो यह बच्चे काफी हद तक आत्मनिर्भर हो सकते है। इस स्ट्रक्चर ट्रैंनिंग को देने के लिए स्पेशलिस्ट की टीम ने सेंटर के टीचर को विज़ुअल स्केडुले बनाने का तरीका बताया , कुछ केस स्टडीज बताई, वीडियो भी दिखाए और प्रैक्टिकल तरीके से टीचर्स में ज्ञान बांटा गया। घर पर भी इन बच्चो को किस तरह का वातावरण दिया जाये , उनका केसा टाइम टेबल हो , उनके व्यव्हार को कैसे ठीक रखा जाये इस पर भी विस्तृत चर्चा की गयी । रघु बेहल जी ने गरीब परिवारों के बच्चो के लिए एक नयी योजना शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसमे उनका 70% तक का खर्च फाउंडेशन की तरफ से किया जायेगा । इस प्रोग्राम में सेंटर के 30 से ज़्यादा अध्यापक और टीम मेंबर्स ने हिस्सा लिय। इस तरह के प्रोग्राम अध्यापको की स्किल को और ज़्यादा बेहतर करने में सहायक होते है। जिनका फ़ायदा हमारे स्पेशल बच्चो, उनके माता पिता और समाज को होता है । इस मौके पर प्रीती सिवाच , इंद्राणी बासु , रघु बेहल ,अतुल मदान , रीचा शर्मा , रंजना , अनीता , कोनिका , प्रियंका , बलजीत कौर इत्यादि मजूद रहे