

चंडीगढ़ : पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक परगट सिंह ने आम आदमी पार्टी की तरफ से जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनाव में साम-दाम-दंड-भेद की रणनीति अपनाए जाने का कड़ा विरोध किया। उन्होंने पंजाब सरकार पर विरोधी पार्टियों के उम्मीदवारों को नामांकन भरने से रोकने और धमकाने के लिए पुलिस व जिला प्रशासनिक अधिकारियों का मिसयूज करने का आरोप लगाया। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से करवाने के लिए कड़े दिशा निर्देश जारी किए जाएं और सरकार पर सरकारी मशीनरी के मिसयूज पर रोक लगाई जाए।परगट सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी मनीश सिसोदिया ने सत्ता हासिल करने के लिए साम-दाम-दंड-भेद को अपने के लिए कहा था, जिसे जिला परिषद और ब्लॉक समिति में पंजाब सरकार पूरी तरह अमल में ले रही है। चुनाव जीतने के लिए सरकार हर तरह के हथकंडे अपना रही है और किसी भी हद तक जा सकती है। सरकार पुलिस अधिकारियों के जरिए विरोधी पार्टियों के उम्मीदवारों को नामांकन भरने से रोक रही है। उन्हें फोन करके धमकाया जा रहा है। इतना ही नहीं पंजाब सरकार ने तो गुप्त तरीके से अपने सभी डीसी को आदेश जारी कर दिया है कि विरोधी पार्टियों के बड़े स्तर पर नामांकन पेपर रद्द किए जाएं।उन्होंने कहा कि अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल भी तरनतारन जिले में सरकार की धक्केशाही के खिलाफ धरने पर बैठ गए। इस तरह पटियाला में कांग्रेस के पूर्व विधायक मदन लाल जलालपुर भी सरकार की धक्केशाही के खिलाफ धरने पर बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उम्मीदवारों को डराने के लिए गैंगस्टरों का सहारा ले रही है। लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। जीरा में भी पूर्व विधायक कुलबीर सिंह जीरा ने पुलिस अफसरों पर उम्मीदवारों के नामांकन ही नहीं होने देने का आरोप लगाया और साथ ही सारी रात धरने दिया। पंजाब के कई हिस्सों में उम्मीदवारों को किसी न किसी तरह से नामांकन भरने से रोका जा रहा है।परगट सिंह ने चुनाव आयोग से मांग की है कि चुनाव को पारदर्शी तरीके से करवाने के लिए वीडियोग्राफी करवाई जानी चाहिए। यह वीडियोग्राफी न केवल नामांकन पेपर जमा करवाने बल्कि पॉलिंग की भी वीडियोग्राफी होनी चाहिए। चुनाव आयोग डीसी और रिटर्निंग अफसरों को भी हिदायतें जारी करें कि विरोधी पार्टियों के किसी उम्मीदवारों के अवैध तरीके से नामांकन रद्द न किए जाएं।

