जालंधर ( एस के वर्मा ): बागवानी विभाग द्वारा स्थापित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजीटेबल करतारपुर में डायरैक्टर बागवानी शैलेंद्र कौर के आदेश पर तीन दिवसीय किसान प्रशिक्षण कोर्स आयोजित किया गया, जिसके अंतिम दिन डिप्टी डायरैक्टर बागवानी डा. लाल बहादुर दमाथिया ने विशेष रूप से भाग लिया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की बचत करते हुए कम जहरीली दवाओं का प्रयोग करते हुए किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।उन्होंने किसानों को गैर जहरीली सब्जियों की खेती करने की सलाह देते हुए कहा कि आज सब्जियों की सुरक्षित खेती किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकती है। विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसान, जो मैनुअल खेती करते है, अगर वे यहां अपने खेतों में प्रदर्शित होने वाली तकनीकों को अपनाते है, तो वह अपनी आय में काफी वृद्धि कर सकते है। उन्होंने कहा कि किसानों को पारंपरिक फसल चक्र से बाहर निकालने में यह केंद्र काफी फायदेमंद साबित हो रहे है। इस केंद्र पर पूरे पंजाब के किसान सब्जियों की सुरक्षित खेती के संबंध में प्रशिक्षण ले रही है।पंजाब के 16 जिलों के 28 किसानों ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया है और केंद्र में सब्जी उत्पादन की नई तकनीक दिखाकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि किसान इन तकनीकों को अपने खेतों में अपनाते है तो एक कनाल से एक एकड़ या उससे अधिक के बराबर लाभ कमा सकते है। सहायक डायरैक्टर बागबानी-कम-परियोजना अधिकारी डा. दलजीत सिंह गिल ने कहा कि शुरुआत में किसान एक कनाल या दो कनाल इकाइयों से काम शुरू करें।पंजाब के किसानों को अब तक केंद्र से 175 लाख से अधिक रोगमुक्त पनीरी की आपूर्ति की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान किसानों को नई तकनीकों के बारे में प्रैक्टिकल तौर पर बताया जाता है ताकि किसान उन्हें अच्छी तरह समझ सकें। इस प्रशिक्षण के दौरान पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के विशेषज्ञ डा. बी.वी.सी. महाजन, हरिआदा से डा. सुरेश कुमार अरोड़ा और डा. बागवानी विभाग तरिप्त कुमार, डा. तेजबीर सिंह, डा. विक्रम वर्मा व इंजीनियर संदीप कौर द्वारा विभिन्न विषयों पर जानकारी दी गई। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद आए किसानों को प्रमाण पत्र भी दिए गए।







