नकोदर ( एस के वर्मा ): शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि कुल नौ में से छह बंदी सिंहों को रिहा कर दिया गया है और केंद्र सरकार के दोनों दावों को झूठा करार देते हुए कहा कि कोई मामला लंबित नही है, इसीलिए केंद्रीय मंत्री और पंजाब भाजपा के प्रभारी गजेंद्र शेखावत से पंजाबियों को गुमराह न करने का अनुरोध किया है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने यह कहते हुए झूठ बोला था कि केंद्र सरकार के पास बंदी सिंहों की कोई सूची नही है। सरदार बादल ने कहा कि ‘‘ शेखावत को पता होना चाहिए कि 22 सिख बंदियों की एक सूची प्रधानमंत्री के साथ साथ गृहमंत्री को भी सौंपी गई थी। उन्होने कहा कि अकाली दल और शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी(एसजीपीसी) 22 सिख बंदियों की रिहाई के लिए लगातार मामले को आगे बढ़ा रही है।उन्होने कहा कि मंत्री के बयान से उन सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंची है, जो सभी बंदी सिंहों की रिहाई के लिए रोज ‘अरदास कर रहे हैं’’। सरदार बादल ने कहा कि सिख बंदियों की रिहाई के मुददे पर राजनीति नही की जानी चाहिए। उन्होने शेखावत से भाई बलवंत सिंह राजोआणा की दया याचिका पर स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध करते हुए बताया कि 2019 में केंद्र सरकार द्वारा उनकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया था। उन्होने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर अधिसूचना जारी होने के बावजूद उस पर कार्रवाई की जानी बाकी है’’ अकाली दल अध्यक्ष ने कहा,‘‘ यह बेहद परेशान करने वाली बात है कि गृहमंत्रालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट को एक प्रतिकूल रिपोर्ट देने के कारण बंदी सिंहों की रिहाई पर रोक लगा दी गई है, जिसने सरकार से भाई राजोआणा की दया याचिका पर अंतिम निर्णय लेेने के लिए कहा था। उन्होने कहा कि इसके अलावा अगर तामिलनाडु सरकार , राजीव गांधी की हत्या के दोषियों को रिहाई की सिफारिश कर सकती है, तो केंद्र , दिल्ली और अन्य द्वारा सिख कैदियों को रिहाई की सुविधा क्यों नही दे सकती ?’’ सरदार बादल ने कानून व्यवस्था से संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उन्होने कहा, ‘‘ गैंगस्टरों का राज है और उद्योगपत्ति बाहर दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे है तथा कोई नया निवेश नही आ रहा है। लोग आतंक के साये में जी रहे हैं’’। अकाली दल अध्यक्ष ने आलू उत्पादकों की दुर्दशा के बारे में जिक्र किया जिन्होने उनसे यात्रा के दौरान मुलाकात की थी और दुख जताया कि जबरन वसूली के डर से अन्य राज्यों से खरीददार इस साल राज्य में नही आए, जिसके कारण आलू की कीमतों पर बहुत ज्यादा गिरावट आई है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान से राज्य की खरीद एजेंसियों को दोआबा के किसानों से आलू और फूलगोभी की फसल खरीदने और उनके नुकसान की भरपाई करने का निर्देश देना चाहिए। अकाली दल अध्यक्ष ने हाल ही में फिरोजपुर ,पासला(फिल्लौर) और समाना में हुई नृशंस घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा,‘‘ ऐसे सभी अपराधों की बर्बर वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, लेकिन मुख्यमंत्री अभी तक प्रतिक्रिया करने और मामलों में न्याय सुनिश्चित करने में नाकाम रहे हैं’’। सरदार बादल ने आम आदमी पार्टी की दिल्ली टीम के सामने घुटने टेकने पर भगवंत मान की आलोचना की। सरदार बादल ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) के चेयरपर्सन सहित प्रमुख पदों पर गैर-पंजाबियों की निुयक्ति पर आपत्ति जताई। उन्होने रेरा में उच्च पदों का भी उल्लेख किया जो दिल्ली से केजरीवाल के सहयोगियों को दिए गए हैं और पंजाब के सभी मंत्रियों के साथ दिल्ली से निजी व्यक्तियों की भी नियुक्ति की गई है। इससे पहले नकोदर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जनसभाओं को संबोधित करते हुए सरदार बादल ने पंजाबियों से पंजाब और पंथ की अपनी पार्टी अकाली दल में विश्वास जताने का आग्रह करते हुए वादा किया कि पार्टी उनकी सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखेगी और राज्य का विकास जो पिछले छह सालों से रूका हुआ है, को फिर से पटरी पर लाया जाएगा। सरदार बादल के साथ गुरप्रताप सिंह वडाला, इकबाल सिंह झूंदा, विनरजीत सिंह गोल्डी, गुलजारी मूणक, सतनाम सिंह राही भी मौजूद थे।