जालंधर ( एस के वर्मा ) : अंग्रेजी हकूमत की जड़ें हिला देने वाले महान क्रांतिकारी मंगल पांडे की पुण्यतथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन पेंट करते हुए हिंद क्रांति दल के राष्ट्रीय प्रमुख मनोज नन्ना ने कहा कि भारतीय इतिहास में मंगल पांडे का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। वह पहले वीर सेनानी थे जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई उनके क्रांतिकारी विचारों और गतिविधियों से अंग्रेज इतना डर गए कि 18 अप्रैल 1857 तारीख से पहले ही 8 अप्रैल1857 को उन्हें फांसी दे दी गई। मंगल पांडे 22 वर्ष की उम्र में ईस्ट इंडिया कंपनी में सिपाही तैनात हुए थे लेकिन भारतीय सैनिकों के साथ भेदभाव को देखकर मंगल पांडे बहुत दुखी थे। मंगल पांडे का विद्रोह उस समय चरम सीमा पर पहुंचा जब एक एनफील्ड नामक बंदूक पर गाएं तथा सूअर का मांस इस्तेमाल किए जने लगा। जिसके उपरांत रोष स्वरूप मंगल पांडे ने मारो फिरंगी को नारा दिया था। हिंद क्रांति दल द्वारा कार्यालय में आयोजित उक्त श्रद्धांजलि समारोह में हेमंत कुमार, रोहित अरोड़ा, संजीव शर्मा, ओमप्रकाश डोगरा, अभी बक्शी पंकज मोहन शर्मा, आशु शर्मा इत्यादि भी उपस्थित थे।