नई दिल्ली : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल के नेतृत्व में किला रायपुर स्पोर्ट्स सोसाइटी के एक शिष्टमंडल ने आज यहां केंद्रीय खेल, युवा मामलों और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री से बैठक के दौरान शिष्टमंडल के सदस्यों ने ठाकुर से ‘द प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स (पंजाब अमेंडमेंट) बिल 2019’ को राष्ट्रपति से मंजूरी दिलाने की अपील की। शेरगिल ने ठाकुर को बताया कि राष्ट्रपति की ओर से बिल को मंजूरी देने के साथ वार्षिक किला रायपुर रूरल ओलंपिक्स में बैलगाड़ियों की दौड़ दोबारा शुरू करवाने का रास्ता खुल जाएगा।शेरगिल ने बीते कई दशकों से पंजाब और पंजाबियत से जुड़े उसके कल्चर और विरासत के गंभीर मुद्दे के प्रति ठाकुर का ध्यान दिलाते हुए कहा कि गांव किला रायपुर, जिला लुधियाना में उपरोक्त ग्रामीण खेलों का आयोजन साल 1933 से लगातार किया जा रहा है। समय परिवर्तन के साथ-साथ इन ग्रामीण खेलों की लोकप्रियता काफी बढ़ चुकी है और ये मिनी ओलिम्पिक के नाम से दुनिया भर में जानी जाती हैं। इनमें से सबसे लोकप्रिय खेल बैलगाड़ियों की दौड़ है,. जिस पर पी.ई.टी.ए (पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स) की याचिका के बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार साल 2014 में रोक लगा दी गई थी।शेरगिल ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि पंजाब में इस खेल की लोकप्रियता और इसके ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व के चलते पंजाब विधानसभा द्वारा ‘द प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स (पंजाब अमेंडमेंट) बिल 2019’ पास करके मंजूरी के लिए माननीय राष्ट्रपति के पास भेजा गया था, लेकिन अभी तक भारत सरकार की ओर से बैलगाड़ियों की दौड़ को दोबारा शुरू करने की मंजूरी नहीं दी गई।शेरगिल ने केंद्रीय मंत्री को विस्तार से जानकारी लेते हुए बताया कि यह खेल केवल किला रायपुर गाँव (लुधियाना) में ही नहीं, बल्कि पंजाब के लगभग 80 प्रतिशत गांवों, जिनकी संख्या करीब 12000 हैं, में भी खेला जाता है। इसलिए इस खेल की पुनः अनुमति देने से न केवल किला रायपुर गांव, बल्कि इस खेल से भावनात्मक रूप से जुड़े पंजाब के हर गांव पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस खेल के साथ देश के अन्नदाता किसानों का बहुत अधिक लगाव है, जो लाखों की तादात में इसका आनंद लेने के लिए किला रायपुर स्टेडियम में आते हैं।शि ष्टमंडल के सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि कई बड़े कॉर्पोरेट घराने भी इन खेलों को स्पांसर करते हैं। इस विषय की गंभीरता का जिक्र करते हुए, शेरगिल ने कहा कि इन खेलों का आनंद लेने के लिए लाखों लोग, जिनमें बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक हैं, आते हैं। इन खेलों असीम लोकप्रियता के कारण भारत सरकार ने इन खेलों को विरासती खेलों की सूची में 1970 में शामिल कर लिया था, जिसके चलते 2.5 लाख रुपए की सालाना राशि भारत सरकार की ओर से इन विरासती खेलों के आयोजन के लिए 1970 से हर साल दी जा रही है।शिष्टमंडल के सदस्यों ने मंत्री को बताया कि बैलगाड़ियों की दौड़ को दोबारा शुरू करने हेतु भारत सरकार की ओर से पत्र संख्या 17/44/2019-जेयूडीएल एन्ड पीपी तारीख 22.2.2022 के माध्यम से पंजाब सरकार से कुछ स्पष्टीकरण मांगे थे | जिसका स्पष्टीकरण पंजाब सरकार द्वारा दिनांक 18-07-2022 को श्री सुरेश चंद्र टमटा, डिप्टी सेक्रेटरी, भारत सरकार, गृह मंत्रालय (जुडिशल एवं पीपी सेक्शन, जुडिशल विंग), कमरा नंबर 17, दूसरी मंजिल, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम नई दिल्ली को भेजा गया था।शेरगिल ने विनम्रता पूर्वक ठाकुर से किला रायपुर स्पोर्ट्स सोसाइटी की मदद करने की अपील की, ताकि आगामी खेलों में बैलगाड़ियों की दौड़ को भी सम्मिलित किया जा सके। इसके अलावा, भारत सरकार द्वारा भारतीय विरासती खेलों को दी जाने वाली 2.5 लाख रुपये की सालाना ग्रांट पिछले 4 साल से नहीं मिली है। शेरगिल ने ठाकुर से मामले पर ध्यान देने का अनुरोध किया, ताकि ग्रांट की बकाया रकम जल्द जारी की जा सके।शेरगिल ने ठाकुर से अपील करते हुए कहा कि वह मामले पर सहानुभूति पूर्वक विचार करके इसे स्वीकृत प्रदान करें और ‘द प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स (पंजाब अमेंडमेंट) बिल 2019’ पर राष्ट्रपति से मंजूरी हासिल करने हेतु यथासंभव कोशिश करें, ताकि हमारी पुरानी गौरवशाली विरासत बची रहे | इसके लिए किला रायपुर सहित पंजाब के 12000 गांवों के निवासी आपके सदा आभारी रहेंगे। भाजपा के प्रवक्ता ने इस संबंध में एक पत्र भी ठाकुर को दिया।
शेरगिल ने किला रायपुर खेलों में बैलगाड़ियों की दौड़ को दोबारा शुरू करवाने हेतु किया भरसक प्रयास
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