जालंधर (एस के वर्मा) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में शनिदेव महाराज जी की जंयति के अवसर पर श्री शनिदेव महाराज के निमित्त श्रृंखलाबद्ध हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। सर्व प्रथम सभी मुख्य यजमानो से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत आए हुए सभी भक्तों से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई । श्री शनिदेव महाराज के जाप उपरांत मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई। हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से अपनी बात कहते हुए बताया कि जीवन में शुभ-अशुभ कार्यों का प्रतिफल अवश्य भोगना पड़ता है। जाने-अनजाने में अगर कोई पाप होता है, तो उस पाप को शनिदेव महाराज क्षमा भी कर देते है। लेकिन जो इंसान अंहकारी होकर दूसरो को सताता है उसका अपराध शनिदेव महाराज कभी क्षमा नही करते। नवजीत भारद्वाज ने कहा कि शनिदेव महाराज के आश्रय में रहकर सुकर्म करते हुए अपने अपराधों के प्रभाव को कम किया जा सकता है, लेकिन पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सकता है। बारिश में छाता या बरसाती से और आंधी में दिये को शीशे से बचाव किया जा सकता है, लेकिन बारिश एवं आंधी को रोका नहीं जा सकता है। भक्ति और सत्कर्म का प्रभाव यही होता है। प्रारब्ध या होनी का समूल नाश नहीं होता। प्रारब्ध को भोगना ही पड़ता है। शास्त्रों में कहा गया है कि प्रारब्ध अवश्यमेव भोक्तव्यम। ईश्वर की भक्ति अथवा शनिदेव महाराज के प्रभाव से प्रारब्ध की तीक्ष्णता को कम किया जा सकता है। इस अवसर पर नीना मितल(MLA राजपुरा),श्रीकंठ जज, रविन्द्र बांसल,संजीव सोंधी, राकेश प्रभाकर,विवेक सहगल,रेखा सहगल,बलजिंदर सिंह,समीर कपूर, रोहित भाटिया, प्रिंस कौंडल, अमरेंद्र कुमार शर्मा, गुलशन शर्मा, दिशांत,लवली शर्मा,राजेश महाजन,मनीष शर्मा,अिश्वनी शर्मा धूप वाले, संजीव शर्मा, विनोद लूथरा, यज्ञदत्त, अवतार सिंह,पंकज,मानव शर्मा ,बावा खन्ना, संजय, सोनू छाबड़ा, नवीन, डा गुप्ता,विकास अग्रवाल,दिशांत शर्मा,अशोक शर्मा, मोहित बहल,दीपक,प्रिंस, ,राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह,गनेश कुमार, सुरेंद्र सिंह,अजय,सौरभ मल्होत्रा, प्रदीप, पंकज,मनी,लवली रल्हन, विनोद खन्ना,मुकेश चौधरी,इकबाल,प्रवीण,दीपक , विदुर,जे डी, अशोक शर्मा,सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।