आज यानी 4 जुलाई से भगवान शिव का सबसे प्रिय माह श्रावण मास शुरू हो चुका है। यह महापर्व पूरे 59 दिन के पड़ रहे हैं। माना जा रहा है कि ऐसा संयोग करीब 19 साल के बाद बन रहा है। दरअसल, इस माह अधिक मास पड़ रहा है, जो 18 जुलाई से 16 अगस्त तक है। जिसके कारण 2 माह के श्रावण मास पड़ रहा है। इस बार 4 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू हो गया है, जो 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है। जानिए सावन सोमवार की सभी तिथियां के साथ महत्व।
सावन 2023 शुभ मुहूर्त : हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह का आरंभ श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ होता है। इस साल श्रावण प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 03 जुलाई की शाम को 05 बजकर 9 मिनट से होगी और समापन 04 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 39 मिनट पर होगा। उदया तिथि के आधार पर सावन महीने की शुरुआत 4 जुलाई से हो गई है। इसके साथ ही आज कई शुभ योग भी बन रहे हैं। 4 जुलाई को सुबह 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा
सावन सोमवार 2023 की तिथियां :
सावन का पहला सोमवार: 10 जुलाई
सावन का दूसरा सोमवार: 17 जुलाई
सावन का तीसरा सोमवार: 24 जुलाई
सावन का चौथा सोमवार: 31 जुलाई
सावन का पांचवा सोमवार: 07 अगस्त
सावन का छठा सोमवार:14 अगस्त
सावन का सातवां सोमवार: 21 अगस्त
सावन का आठवां सोमवार: 28 अगस्त
सावन मास 4 जुलाई से 31 अगस्त तक है। ऐसे में कई बड़े व्रत त्योहार पड़ रहे हैं। 6 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी, 13 जुलाई को कामिका एकादशी, 15 जुलाई को मासिक शिवरात्रि, 17 जुलाई को श्रावण माह की अमावस्या, 19 अगस्त को हरियाली तीज, 21 अगस्त नाग पंचमी, 30 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा।
सावन 2023 का महत्व : हिंदू धर्म में सावन का विशेष महत्व है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष को पड़ने वाली देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु पूरे चार मास के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और सृष्टि के संचार का काम भगवान शिव को दे जाते हैं। लेकिन इस साल अधिक मास होने के कारण चातुर्मास पूरे पांच मास का पड़ रहा है। ऐसे में सावन मास के दौरान भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ सोमवार के दिन व्रत रखने से वह अति प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आर्शीवाद देते हैं और हर तरह के संकटों से निजात मिल जाती है। सावन मास शुरू होते ही कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाती है। कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्त नदियों से जल लेकर भगवान शिव को अर्पित करते हैं।सावन माह शुरू होने के साथ की कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाती है। कांवड़ यात्रा आज से आरंभ हो गई है। इसके साथ ही 15 जुलाई 2023, शनिवार को शिवरात्रि के दिन जल चढ़ाने के साथ कांवड़ यात्रा समाप्त हो जाएगी। इसके अलावा इस बार 14 अगस्त को भी सावन शिवरात्रि है।
कब चढ़ेगा शिव जी को कांवड़ का जल?
हिंदू तीर्थ स्थानों जैसे हरिद्वार, गोमुख, गंगोत्री, काशी विश्वनाथ, बैद्यनाथ, नीलकंठ, देवघर जैसे स्थानों से कावड़िया जल भरकर पैदल यात्रा करके स्थानीय या फिर फेमस शिव मंदिर में पवित्र जल अर्पित करते हैं। इस साल शिवलिंग में कांवड़ का जल चढ़ाना शिवरात्रि के दिन माना जाता है। इसलिए इस बार 15 अगस्त 2023 को चढ़ाया जाएगा।