जालंधर : मैंबर राज्य सभा और प्रसिद्ध वातावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने आज कहा कि श्री गुरु नानक देव जी के आगामी प्रकाश पर्व से पहले पवित्र वेई को प्रदूषण मुक्त घोषित कर दिया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव विज्ञान और प्रौद्यौगिकी राहुल तिवाड़ी, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन आदर्श गोयल सहित राज्य सभा मैंबर ने पवित्र वेई को प्रदूषण मुक्त बनाने की प्रगति का जायज़ा लेते हुए अधिकारियों को निर्धारित समय में इस लक्ष्य को प्राप्त करने के निर्देश दिए और कहा कि इस काम में अनावश्यक देरी को सहन नहीं किया जाएगा। वह जालंधर, कपूरथला और होश्यारपुर जिलों के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। संसद मैंबर ने कहा कि सम्बन्धित विभागों को काला संघिया से ड्रेन और पवित्र वेई में अवशेष फैंकने के लिए बनाए अनअधिकारित सीवरेज आउटलैट बंद करने के लिए सख़्त कदम उठाने चाहिएं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नगर निगम, नगर कौंसिलों, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, सीवरेज बोर्ड, ड्रेनेज विभाग आदि की तरफ से तालमेल वाली पहुँच अपनाते हुए प्रदूषण के सभी स्रोतों का उपयुक्त हल किया जाना चाहिए। संत सीचेवाल ने कहा कि प्रदूषण फैलाने वालों के साथ निपटने के लिए बहु- समर्थकीय रणनीति अपनाई जानी चाहिए, जिसमें नियमित चैकिंग, सैंपलिंग और सीवरेज के बिना ट्रीट हुए पानी को ड्रेन में डालने से रोकना शामिल है। उन्होंने कहा कि काला संघिया से ड्रेन में सीधे अवशेष फेंकने वाली डेयरियों विरुद्ध सख़्त कार्यवाही करने के इलावा सभी अनअधिकारित सीवरेज आउटलैट को किसी भी कीमत पर बंद किया जाना चाहिए। सांसद मैंबर ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों की कार्यप्रणाली का जल्द से जल्द विश्लेषण किया जाना चाहिए जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि इन प्लांटों में से निकलने वाली सीवरेज की अवशेष को नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ से निर्धारित मापदण्डों अनुसार सुधारा जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अथारिटी की तरफ से जिले में रोज़मर्रा की 135 लीटर प्रति व्यक्ति पानी की स्पलाई यकीनी बनाई जाए, जिससे सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों पर सीवरेज की अवशेष का ज़्यादा बोझ न पड़े। उन्होंने कहा कि एस.टी.पीज की सही और प्रभावशाली कार्यप्रणाली यकीनी बनाई जानी चाहिए, जिससे इन प्लांटों पर अवशेष सुधारे जा सके। उन्होंने कहा कि नियमित सैंपलिंग और टैस्टिंग के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
इस मौके पर बोलते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव विज्ञान और प्रौद्यौगिकी राहुल तिवाड़ी ने अधिकारियों को निर्धारित नियमों अनुसार एस.टी.पीज की कार्यप्रणाली की जांच करने के लिए हर कौंसिल और निगम में दो सदस्यता समिति का गठन करने के आदेश दिए। उन्होंने आगे कहा कि यह समिति एस.टी.पीज के संचालन के संबंध में एक लिखित रिपोर्ट सौंपेगी, जिसकी अन्य अधिकारियों की तरफ से जांच की जाएगी, जिससे जांच और टैस्टिंग के कामों में पूरी पार्दशिता को यकीनी बनाया जा सके। तिवाड़ी ने अधिकारियों को निर्धारित समय के अंदर काली वेई और सफ़ेद वेई को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए मिशन मोड पर काम करने के आदेश दिए और कहा कि इस कार्य की प्रगति का जायज़ा लेने के लिए नियमत समीक्षा बैठके की जाएंगी। उन्होंने नए एस.टी.पीज स्थापित करने के इलावा मौजूदा एस.टी.पीज की सामर्थ्य बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया। बैठक में पी.पी.सी.बी.के मैंबर सचिव जी.एस.मजीठिया, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर जसबीर सिंह, राहुल चाबा और वरिन्दरपाल सिंह बाजवा, कमिश्नर कपूरथला एमसी अनुपम कलेर, एस.ई.पीपीसीबी करुनेश गर्ग और अलग- अलग विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।