जालंधर : ‘एक विशेष उद्देश्य व लक्ष्य के साथ विद्या भारती ने शिक्षा के क्षेत्र में पदार्पण किया है | विद्या भारती का उद्देश्य मात्र स्कूल चलाना ही नहीं अपितु शिक्षा के क्षेत्र में ‘शिक्षा का एक प्रतिमान (माडल)’ खड़ा करना है | विद्या भारती का अपने प्रारंभ से ही मानना है –जैसी दृष्टि
वैसी सृष्टि | समाज और देश की दिशा व दशा में सकारात्मक परिवर्तन हमारी सोच पर निर्भर है और सोच में परिवर्तन लाने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है शिक्षा | शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना ही विद्या भारती का उद्देश्य है | ये मार्गदर्शक शब्द विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री विजय नड्डा ने विद्या धाम में प्रांतीय प्रधानाचार्य बैठक के उद्घाटन सत्र में 16 जुलाई को कहे | उल्लेखनीय है कि 16 से 18 जुलाई तक तीन दिवसीय प्रधानाचार्य बैठक विद्या धाम में संपन्न हुई |
इस बैठक के विषय में संयुक्त रूप से वार्ता करते विद्या भारती पंजाब के संगठन मंत्री राजेंद्र कुमार और महामंत्री डा.नवदीप शेखर ने बताया कि इस बैठक में 70 प्रधानाचार्यों और 30 अन्य कार्यकर्ताओं व अधिकारियों ने भाग लिया | बैठक में कुल 12 सत्र संपन्न हुए जिसमें पिछले सत्र 2022 – 23 के कार्यों की समीक्षा व सत्र 2023 – 24 की योजनाओं पर गंभीरता से विचार मंथन हुआ | महामंत्री डा.नवदीप ने बताया कि अध्यापकों का प्रशिक्षण राष्ट्रीय शिक्षा नीति –2020 के अनुसार करने की योजना बनाई गई | शिक्षा के क्षेत्र में सतत परिवर्तन होता रहता है | इन परिवर्तनों से अध्यापकों अवगत कराने हेतु प्रशिक्षण बहुत आवश्यक है | अपने टीचर्स को आधुनिक तकनीक से अपडेट रखने की योजना बनाई गई | उन्होंने आगे बताया कि पंजाब के सीमांत क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्थाओं के अभाव पर चिंता व्यक्त की गई और योजना बनी कि सीमांत क्षेत्रों के विद्या मंदिरों को शसक्त किया जाए | इन क्षेत्रों से बालकों को अपने विद्या मंदिरों में लाने की व्यवस्था की जाए | जहां अपने विद्या मंदिर नहीं हैं वहां ‘संस्कार केंद्र’ खोलने की व्यवस्था की जाए | उन्होंने वार्ता में आगे बताया कि संस्कार केंद्र वह व्यवस्था है जिसके अंतर्गत शाम को दो घंटे में बालकों को शिक्षा और देशभक्ति के संस्कार दिए जाते हैं | इसके लिए एक टीचर को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया जाता है | इस बैठक में प्रधानाचार्यों के मार्गदर्शन हेतु विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के उपाध्यक्ष सुरेंद्र अत्री और महामंत्री देशराज शर्मा के अतिरिक्त जलंधर से अरविंद बैंस, खमाणों से गुरप्रीत कौर, मोरिंडा से लक्ष्मण रावत, मोहाली से विजयानंद, चंडीगढ़ से अर्चना, नाभा से सुभाष चंद, सुनाम से अमित डोगरा, मलेरकोटला से प्रेम सिंह खिमटा, भीखी से गगनदीप, मानसा से जगदीप, अबोहर से जाली मोंगा, अमृतसर से रीना, हरियाल पठानकोट से कंचन मुख्य रूप से उपस्थित रहे |







