

27 अगस्त को गणेश चतुर्थी (भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी) है, इस दिन से गणेश उत्सव शुरू हो जाएगा। भगवान गणपति को विघ्नहर्ता, बुद्धि के देवता और शुभ के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। इस साल बुधवार से गणेश उत्सव शुरू हो रहा है, ये वार गणेश जी को प्रिय है।
मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा करें स्थापित
गणेश की मिट्टी से बनी प्रतिमा ही स्थापित करनी चाहिए, क्योंकि ये प्रतिमाएं आसानी से पानी में घुल जाती हैं और ये पर्यावरण के लिए नुकसानदायक नहीं होती हैं। जबकि पीओपी से बनी प्रतिमाएं आसानी से पानी घुलती नहीं हैं और ये पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं, इसलिए पीओपी की गणेश प्रतिमा स्थापित करने से बचना चाहिए।घर में पूर्व या उत्तर दिशा में गणेश प्रतिमा स्थापित करना ज्यादा शुभ माना जाता है।
पूजा स्थल की तैयारी
पूजा स्थल साफ और स्वच्छ होना चाहिए। इसे अपनी सामर्थ्य और भावनाओं के अनुसार सजाया जा सकता है। पूजा में उपयोग होने वाली सामग्री में शामिल हैं- दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, वस्त्र, जनेऊ, हल्दी, चंदन, कुमकुम, चावल, पुष्प, धूप, दीप, पान, दक्षिणा, रोली, लाल एवं सफेद पुष्प, पुष्पमाला, नैवेद्य, हल्दी, कर्पूर, घी का दीपक, दूर्वा, सफेद तिल, सिंदूर आदि।
मंत्र और स्तोत्र पाठ
गणेश जी के पूजन में उनके मंत्रों और स्तोत्रों का पाठ करना चाहिए। मुख्य मंत्र है- वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटिसमप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।









