जालंधर : जल शक्ति अभियान की केंद्रीय टीम ने गुरुवार को वर्ष 2023-24 के लिए जिला जल संभाल योजना के अधीन पानी को बचाने और संभालने संबंधी जिले में चल रहे प्रोजैक्टों की प्रगति का जायजा लिया और इन प्रोजैक्टों को 31 मार्च 2024 तक लागू करने के निर्देश दिए।यहां जिला प्रशासकीय कम्पलैक्स में केंद्रीय नोडल अधिकारी, ज्वाईंट सचिव, रक्षा मंत्रालय, दिनेश कुमार ने डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास) जसप्रीत सिंह, केंद्रीय भूजल बोर्ड के वैज्ञानिक के.पी. सिंह और विभिन्न विभागों की बैठक के दौरान अधिकारियों के साथ जल संभाल प्रोजैक्टों की गति में तेजी लाने का निर्देश दिया ताकि उन्हें समय पर पूरा किया जा सके।
केंद्रीय नोडल अधिकारी ने जल शक्ति केंद्रों, वर्षा जल संचयन प्रणाली, तालाबों, ड्रिप सिंचाई प्रणाली, एस.टी.पी., बाढ़ सुरक्षा संबंधी कार्यों, सामान्य जल टैंक, जागरूकता गतिविधियों, तरल अवशेष प्रबंधन और पौधे लगाने के अभियान सहित प्रमुख प्रोजैक्टों की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से गिरते भूजल स्तर को सुधारने के लिए ठोस प्रयास करने को कहा।उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रोजैक्ट को लागू करने में कोई समस्या आती है तो उसे तुरंत प्रशासन या विभाग के अधिकारियों के ध्यान में लाया जाए ताकि उसे जल्द से जल्द दूर किया जा सके और परियोजना को समय पर लागू किया जा सके।उन्होंने जिले के सभी ‘वाटर बाडीज’ की जियो टैगिंग पर जोर देते हुए कहा कि जल स्तर को बचाने और इसमें सुधार के लिए सभी को आगे आना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से इस कार्य को विशेष डियूटी के तौर पर लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि आम लोगों को भी जल संभाल के प्रति अधिक जागरूक किया जाए, क्योंकि सामूहिक प्रयासों से हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी बचा सकते है।इस दौरान डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने केंद्रीय टीम को बताया कि प्रशासन ने जिले में जल संभालने और बचाने को लेकर चल रहे प्रोजैक्टों की नियमित समीक्षा सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इन प्रोजैक्टों को समय पर पूरा करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगा और इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को पहले ही निर्देश जारी कर दिए गए है।उन्होंने कहा कि जिले में जल शक्ति केंद्रों द्वारा पानी की संभाल के इलावा वर्षा के पानी को संभालने और छतों पर जल संचयन प्रणाली के साथ-साथ तालाबों के नवीनीकरण पर भी युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। इसके इलावा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से गंदे पानी को साफ कर सिंचाई में इस्तेमाल करने के प्रोजैक्टों पर भी काम किया जा रहा है।इसके अलावा, लोगों को पानी, विशेषकर भूमिगत जल के उचित उपयोग के बारे में जागरूक करने के लिए ग्रामीण स्तर पर सैमीनार आयोजित किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि जिले में विभिन्न योजनाओं अधीन छत पर रेन वाटर हारवैस्टिंग 61 परियोजनाएं, तालाबों के नवीनीकरण के 10 प्रोजैक्ट 31 जनवरी तक पूरे कर लिए जाएगे।उन्होंने कृषि, भूमि संरक्षण एवं जल संरक्षण, ड्रेनेज विभाग, जल संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को बढिया तालमेल से चल रही प्रोजैक्टों को समय पर पूरा कर सुनिश्चित करने और नए प्रोजैक्टों के लिए प्रस्ताव जल्द से जल्द प्रस्तुत करने को कहा।केंद्रीय टीम ने अपने दौरे के दौरान जल संभाल को लेकर चल रही प्रोजैक्टों का भी निरीक्षण भी किया।इस अवसर पर जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी धर्मपाल, डिप्टी सी.ई.ओ. जिला परिषद जीनत खेहरा एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।







