जालंधर : जिले में किसानों को डी.ए.पी.की उपलब्धता यकीनी बनाने और कालाबाजारी रोकने के लिए ज़िला प्रशासन ने गंभीरता दिखाते हुए बड़े स्तर पर अभियान शुरु किया है। इस अभियान के अंतर्गत डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल के निर्देशों पर कृषि विभाग जहाँ डी.ए.पी.के विकल्प खादयो के प्रयोग के लिए किसानों को जागरूक कर रहा है, वहीं डी.ए.पी.की कालाबज़ारी रोकने के लिए चैकिंग भी की जा रही है।डा.अग्रवाल ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि किसानों को डी.ए.पी.की कमी नहीं आने दी जाएगी साथ ही कि जिले में 32008 मीट्रिक टन डी.ए.पी. उपलब्ध है। इसके इलावा 5881 मीट्रिक टन डी.ए.पी.के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली खादें उपलब्ध है।डिप्टी कमिश्नर ने कृषि विभाग को निर्देश दिए कि डी.ए.पी. के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली खाद के लिए भी किसानों को जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि जिले में डी.ए.पी. की जमाख़ोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, इस लिए खाद के स्टोर की चैकिंग की जाए।डा.अग्रवाल ने खाद स्टोर मालिकों को भी हिदायत की कि स्टाक बोर्ड पर रोजाना की खाद का स्टाक और रेट लिखा जाए एंव किसानों को बेचे जाने वाली सामग्री का पक्का बिल दिया जाए। इसके इलावा खाद के साथ अनावश्यक वस्तुएँ न दी जाए।उधर किसानों को रबी की फ़सलों की बिजाई के लिए ज़रूरी खाद की उपलब्धता यकीनी बनाने के लिए डिप्टी कमिश्नर की हिदायतों पर कृषि विभाग द्वारा आज फिल्लौर में खाद स्टोर और गोदामों की जांच की गई, जिस दौरान बीजों के 12 सैंपल भी भरे गए। चैकिंग टीम में कृषि विकास अधिकारी लखबीर सिंह और कृषि अधिकारी डा. बलजिन्दर सिंह शामिल थे।चैकिंग दौरान अधिकारियों ने खाद विक्रेताओं को अपने स्टाक का पूरा रिकार्ड रखने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने दुकानदारों/ मालिकों को कहा कि खाद के साथ ग़ैर-ज़रूरी रसायण टैग कर जबरन बेचना या खाद को अधिक कीमत पर बेचना या खाद की कालाबाजारी करना कानूनी जुर्म है और यदि कोई ऐसी कार्यवाही करता पाया गया तो उसके खिलाफ़ बनती सख़्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भी यह अभियान जारी रहेगा।