जालंधर : जीवन में यदि आनंद चाहते हो तो भगवान से संबंध बनाना चाहिए, भगवान के 3 रूप सत्य चित्त आनंद यानी सच्चिदानंद हैं, जो अपने भक्त की भावना को देखकर ही इतने प्रसन्न हो जाते हैं कि उसे बिना मांगे ही सब कुछ दे देते हैं’, यह शब्द आज श्री कष्ट निवारण बाला जी सेवा परिवार की ओर से साई दास स्कूल, पटेल चौक की ग्राऊंड में करवाई जा रही श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन की कथा सुनाते हुए हुए आ आध्यात्मिक प्रवक्ता जया किशोरी ने कहे। उन्होंने कहा कि यह संसार नश्वर है फिर भी मनुष्य सदैव एक-दूसरे से शिकायतें और शिकवे करने में ही अपना सारा जीवन बिता देता है और भगवान की भक्ति करने की सोचता तक नहीं। उन्होंने कहा कि ईश्वर वह महान शक्ति रूप है, जो सारी सृष्टि का संचालन करता है, हम सबके किए गए कर्मों का हिसाब रखता है है तथा उसी के अनुसार फल भी देता है। जया किशोरी ने कहा कि प्रभु नाम का जाप करने से एकाग्रता बढ़ती है तथा अपनी भावना भी शुद्ध होती है, इसलिए सभी को समय निकालकर भगवान के नाम का सिमरन अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गंगा आदि तीर्थ स्थलों पर जाकर स्नान करने से अनजाने में किए गए पाप अवश्य धुलते हैं, परंतु जानबूझकर किए गए पापों का फल मनुष्य को भोगना ही पड़ेगा







