कोचिंग संस्थानों की मनमानी और विद्यार्थियों के शोषण पर नियंत्रण हेतु नीति निर्माण की मांग कुलपतियों की नियुक्ति में विलंब, राजनैतिक हस्तक्षेप व कानूनी विवाद से विश्वविद्यालयों में बढ़ती अस्थिरता चिंतनीय : एबीवीपी

by Sandeep Verma
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जालंधर : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक 29 से 31 मई, 2025 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मंडपम में संपन्न हुई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पंजाब प्रदेश मंत्री मनमीत सोहल ने जालंधर Circuit House में प्रैस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए   बताया कि इस तीन दिवसीय बैठक में देशभर के 478 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रदेश मंत्री मनमीत सोहल ने कहा कि एबीवीपी की सदस्यता लगभग 60 लाख के करीब हो गई है, जो युवाओं के बीच संगठन की व्यापक है बैठक की पूर्व संध्या पर एक भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति, जनजातीय परंपराएं, देश की शौर्यगाथाएं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जन्म जयंती वर्ष, रानी अबक्का की 500वीं जयंती, और संघ शताब्दी वर्ष जैसे विविध विषयों को रचनात्मक रूप से प्रदर्शित किया गया। राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक के उद्घाटन सत्र में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही, राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी एवं राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर बैठक की विधिवत शुरुआत की गई। तीन दिवसीय बैठक में प्रमुख रूप से चार प्रस्ताव पारित किए गए। कोचिंग संस्थानों की मनमानी और विद्यार्थियों के शोषण पर नियंत्रण हेतु नीति निर्माण की मांग, कुलपतियों की नियुक्ति में विलंब, राजनैतिक हस्तक्षेप व कानूनी विवाद से विश्वविद्यालयों में बढ़ती अस्थिरता चिंतनीय, भारत की आंतरिक सुरक्षा और वैश्विक स्थिति पर चर्चा, तथा विश्वविद्यालय परिसरों में बढ़ती वैचारिक अस्थिरता के समाधान संबंधी प्रस्तावा हाल के दिनों में भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन कगार’ में हमारी सेना के साहस और सामरिक कौशल को अभाविप ने सराहा और भारतीय सुरक्षा बलों के प्रति एकजुट समर्थन प्रकट किया। बैठक में छात्र हितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श कर आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई। भगवान बिरसा मुंडा जी की 150 वीं जन्म जयंती वर्ष के अवसर पर उनके जीवन एवं योगदान पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें अखिल भारतीय स्तर पर छात्रावासों का सर्वेक्षण, पुस्तकों का प्रकाशन तथा उनके जन्मस्थल की मिट्टी से पूजन एवं यात्रा जैसे कार्यक्रम शामिल होंगे। रानी अबक्का जी की 500वीं जयंती के उपलक्ष्य में विविध आयोजनों की योजना है। आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के संदर्भ के दो वर्षों तक विश्वविद्यालय परिसरों में पूर्व कार्यकर्ताओं एवं मीसा बंदियों के साथ संवाद, रैली एवं स्मरण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यशवंतराव जी की जन्म शताब्दी पर प्रांत केंद्रों पर पूर्व कार्यकर्ता एकत्रीकरण, अभ्यास वर्ग, भाषण, प्रदर्शनी एवं साहित्य निर्माण जैसे कार्यक्रम किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, संघ शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखते हुए संगठनात्मक कार्य विस्तार एवं कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रहेगा तथा ‘पंच परिवर्तन’ के आह्वान के साथ संकल्पबद्ध अभियान चलाया जाएगा। यह बैठक शिक्षा, राष्ट्र निर्माण और छात्रहितों के लिए प्रतिबद्ध संगठन के रूप में अभाविप की भूमिका को ओर अधिक सशक्त बनाने वाली सिद्ध हुई। वर्तमान में एबीवीपी ने शिक्षा, पर्यावरण, खेल, उद्यमिता और सामाजिक समरसता जैसे विषयों पर रचनात्मक हस्तक्षेप करते हुए विविध स्तरों पर प्रभावशाली कार्यक्रम चलाए हैं। वही परिषद का मत है कि शिक्षा को केवल ज्ञान नहीं, बल्कि चरित्र और राष्ट्र निर्माण का माध्यम बनाने की आवश्यकता है, राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी दिशा में एक सकारात्मक पहल है।

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