

चंडीगढ़ : पूर्व मंत्री सरदार बूटा सिंह पर राजा वड़िंग की टिप्पणी में जातिगत अपमान की स्पष्ट झलक मिलती है। अनुसूचित जाति समुदाय के प्रति कांग्रेस की नफ़रत अब सामने आ गई है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग द्वारा पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह और पूर्व गृह मंत्री बूटा सिंह के बारे में इस्तेमाल की गई भाषा की निंदा पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा पंजाब के उपाध्यक्ष तथा पाथवे ग्लोबल अलायंस के मुख्य संरक्षक और ब्रिटिश रविदासिया हेरिटेज फाउंडेशन (यूनाइटेड किंगडम) की भारत इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश बाघा ने की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता द्वारा जाति, रंग, नस्ल और पेशे को लेकर इस्तेमाल की गई भाषा ने अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के समुदायों की भावनाओं को ठेस पहुँचाई है और समाज में आक्रोश और आक्रोश पैदा किया है। दिवंगत नेता बूटा सिंह के विरुद्ध जातिवादी, अहंकारी और असंसदीय भाषा का प्रयोग किया गया, जो अत्यंत निंदनीय है और सभ्य समाज में इसका कोई स्थान नहीं है। वारिंग को इस भाषा के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बूटा सिंह भारतीय राजनीति के एक प्रमुख दलित नेता थे, जिन्होंने बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष जैसे पदों पर कार्य किया, जो लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस पर ध्यान देना चाहिए और अनुसूचित जाति के नेताओं को वारिंग का बहिष्कार करके अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय देना चाहिए।
