जालंधर ( एस के वर्मा ) : आजाद देश में लोकतांत्रिक सरकार में पिछले 70 सालों से लतीफ पुरा जालंधर में रह रहे लोगों को ऐसे उजाड़ना कहा कि इंसानियत है वार्ड नं:66 के इंचार्ज बब्बू सिडाना ने बातचीत करते हुए कहा कि सरकार के पास इतनी सरप्लस जमीन है कि वह एक नया शहर बसा सकती हैं तो फिर ऐसी कार्रवाई का क्या औचित्य है। शहर की डिवेलपमेंट के लिए अगर ऐसा करना जरुरी है कि लोगों के बने बनाए घरों को तोड़ना पड़ता है तो सरकार का दायित्व बनता है कि वह तोड़ने से पहले घरों में बस रहे लोगो के परिवार के सदस्यों की व्यवस्था करें, हम किसी तालिबाने देश में तो यह नहीं रहे यहां तो लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगों द्वारा चुनी हुई लोगों के लिए, लोगों की सरकार का अर्थ ही नहीं रह गया। उन्होंने कहा कि नगर निगम,वक्फ बोर्ड, पंचायती तथा इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पास सेकडे. एकड़ जमीन पड़ी होने के बावजूद पिछले 70 सालों से यहां रह रहे लोगों को ऐसे घरों से बाहर निकाल दिया जैसे जमीन में लगें हुए एक पेड़ को निकाल बाहर फैंक दिया जाता है, यह लोकतंत्र की हत्या है यह सरकार चलाने का सही तरीका नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन के इस्तेमाल का इससे बढ़िया ढंग और क्या हो सकता है कि ऐसे लोगों जिनके घरों को शहर की उन्नति के लिए तोड़ना पड़ रहा हो उन लोगों को उचित दाम पर उनके अनुरूप वहां प्लाट काट कर दिए जाएं ताकि 70 साल से रह रहे लोगों की तीन पीढ़ियां बेघर ना हो पाएं।