जालंधर ( एस के वर्मा ) : डिप्टी कमिश्नर जसप्रीत सिंह ने आज जिले में चल रहे ओट क्लीनिकों, नशामुक्ति केंद्रों और पुनर्वास केंद्रों के प्रदर्शन की समीक्षा की।उन्होंने संबंधित अधिकारियों को प्राइवेट नशामुक्ति केंद्रों और पुनर्वास केंद्रों का मासिक निरीक्षण यक़ीनी बनाने के निर्देश दिए। यहां जिला प्रशासकीय परिसर में जिला नशामुक्ति एवं पुनर्वास सोसायटी की गवर्निंग बॉडी की बैठक के दौरान डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जिले में चल रहे सभी प्राइवेट नशामुक्ति केंद्रों और पुनर्वास केंद्रों का हर महीने निरीक्षण किया जाए ताकि नशा पीड़ितों के लिए आवश्यक दवाओं और अन्य उपचार सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि इन नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों में उपचार के लिए भर्ती मरीजों का पूरा रिकार्ड रखा जाए और मासिक रिपोर्ट सोसायटी को भेजी जाए।डिप्टी कमिश्नर ने नशे के आदी लोगों को समाज की मुख्य धारा में शामिल करने के लिए ठोस प्रयास करने पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे मरीजों को नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों में काउंसलिंग देने के साथ योग, एरोबिक्स और खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने के प्रयास किए जाए।नशा पीड़ित को योग अभियास करवाने के लिए संबंधित अधिकारियों को जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी दफ़्तर से तालमेल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाए, जिसके लिए जिले के स्कूलों और कॉलेजों में नियमित रूप से जागरूकता अभियान चलाए जाएं ताकि विद्यार्थियों को नशे से दूर रखा जा सके। इस दौरान डिप्टी कमिश्नर ने जिले में चल रहे ओट क्लीनिक, नशामुक्ति केंद्रों और पुनर्वास केंद्रों में नशा करने वालों को दी जा रही उपचार सुविधाओं की भी समीक्षा की। सिविल सर्जन एवं मैडीकल सुपरडैंट डा.राजीव शर्मा और डिप्टी मैडीकल कमिश्नर डा. ज्योति शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 31 ओट क्लीनिको के साथ ही सिविल अस्पताल में 50 बैड का नशामुक्ति केंद्र व कम्युनिटी स्वास्थ्य केंद्र नूरमहल में 10 बैड का नशामुक्ति केंद्र चलाया जा रहा है। इसके इलावा गांव शेखे स्थित पुनर्वास केंद्र में नशा पीड़ितों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जिले में चल रहे सरकारी ओट क्लीनिक में नशामुक्ति से पीड़ित करीब 17,591 मरीजों का रजिस्ट्रेशन कर निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सन फाउंडेशन के सहयोग से शेख पुनर्वास केंद्र में नशा पीड़ित को वोकेशनल प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि स्वस्थ होने के बाद उन्हें रोजगार मिल सके।इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर ने ओट क्लीनिक में आने वाले नशा पीड़ित मरीजों को व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के प्रयास करने के निर्देश दिए ।इस अवसर पर सहायक कमिश्नर (यूटी) मेजर डा.इरविन कौर, डा.अमन सूद आदि मौजूद रहे।
डिप्टी कमिश्नर ने प्राइवेट नशा छुडाओ एवं पुनर्वास केन्द्रों के मासिक निरीक्षण के निर्देश दिए
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