जालंधर ( एस के वर्मा ): डिप्टी कमिश्नर जसप्रीत सिंह ने टी.बी. की बीमारी की पूर्ण रोकथाम एवं खत्म करने के लिए प्रोग्राम को जिले के हर क्षेत्र में लागू करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए संबंधित टीमों को टीबी के विभिन्न क्षेत्रों मरीजों की पहचान कर उचित जांच व मैडीकल सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। सिविल सर्जन, विशेषज्ञ मैडीकल टीमों और राज्य आंतरिक मूल्यांकन टीम की तरफ से टीबी की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा करते हुए डिप्टी कमिश्नर जसप्रीत सिंह ने कहा जिले में टीबी के मरीजों की प्राथमिकता के आधार पर पहचान की जाएं। उन्होंने कहा कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों, औद्योगिक केंद्रों, कार्य स्थलों आदि टीबी की रोकथाम कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर लागू किया जाए ताकि 2025 तक टी.बी. को समाप्त करने का लक्ष्य टीबी चैंपियंस, जिन्हें पहले खुद टीबी हुआ था टीबी की बीमारी से पीड़ित थे और अब पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। इसके खिलाफ जागरूकता फैलाकर लोगों को स्वस्थ रहेने का संदेश देने की भूमिका की प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि इन चैम्पियनों की सेवाएं इस बीमारी के खात्मे में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। सिविल सर्जन डा. राजीव शर्मा ने बताया कि राज्य की आंतरिक मूल्यांकन टीम ने जिले के विभिन्न ब्लाको और माइक्रोस्कोपी केंद्रों का दौरा कर मिल रही स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया है। उन्होंने कहा कि जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में इस बीमारी की नि:शुल्क जांच व इलाज किया जाता है। इस अवसर पर जिला टी.बी. अधिकारी डा. रितु दादरा, जिला परिवार कल्याण अधिकारी डा. रमन गुप्ता सहित टीबी कार्यक्रम से जुड़े विभिन्न विशेषज्ञ उपस्थित थे।







