हिंदू पंचांग के अनुसार निर्जला एकादशी ( कल ) को मनाई जाएगी

by Sandeep Verma
0 comment
Trident AD

हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी 31 मई को मनाई जाएगी। साल की सभी एकादशियों में से यह व्रत सबसे कठिन और शुभफलदायी माना जाता है। मान्‍यता है कि जो भी व्‍यक्ति सच्‍चे भाव से यह व्रत करता है और दान पुण्‍य करता है वह भगवान विष्‍णु की कृपा का पात्र बनता है। इस व्रत को करने के कुछ नियम शास्‍त्रों में बताए गए है और यह भी बताया गया है कि इस दिन कौन से कार्य करना अशुभ होता है। इससे पहले हम आपको बताएंगे निर्जला एकादशी का व्रत करने के लिए नियम संयम का पालन एक दिन पहले ही यानी कि दशमी तिथि से ही शुरू कर दिया जाता है। भगवान विष्‍णु को पीतांबरधारी माना गया है, इसलिए उनकी पूजा में पीले रंग का खास ध्‍यान रखा जाता है। पीले रंग के वस्‍त्र पहनकर, पीले फूल, पीले फल और पीली मिष्‍ठान के साथ श्रीहरि की पूजा करें। लकड़ी की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर विष्‍णु भगवान की मूर्ति स्‍थापित करें और पंचामृत से स्‍नान कराएं और उसके बाद पीले फूल, पीले चावल और फल अर्पित करें। सभी सामिग्री अर्पित करने के बाद एकादशी की कथा का पठन करें और उसके बाद ओउम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। सबसे अंत में श्रीहरि की आरती करने के बाद पूजा का समापन करें। पूरे दिन सच्‍ची श्रद्धा के साथ व्रत करके शाम के पहर में स्‍नान करके फिर से भगवान की पूजा करें। अगले दिन द्वादशी तिथि में व्रत का पारण करें। इस विधि के साथ व्रत करने और पूजा करने से आपको निर्जला एकादशी व्रत का संपूर्ण फल प्राप्‍त होगा और ईश्‍वर आपसे प्रसन्‍न होंगे।

Trident AD
Trident AD

You may also like

Leave a Comment

2022 The Trident News, A Media Company – All Right Reserved. Designed and Developed by iTree Network Solutions +91 94652 44786