जालंधर : अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास) जसबीर सिंह ने आज जिले के छोटे दस्तकारों एवं कारीगरों को पी.एम. विश्वकर्मा योजना अधीन अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील की।उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत विभिन्न व्यवसाय उन्मुख कोर्स के लिए प्रशिक्षण के बाद नियमानुसार 3 लाख रुपये तक का ऋण बिना किसी बैंक गारंटी के प्राप्त कर सकते है। जानकारी देते हुए अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि जिले में इस योजना के तहत खिलौना बनाने वाले, मछली का जाल बनाने वाले, हथौड़ा/टूल किट एवं अन्य छोटे उपकरण बनाने वाले, ताला बनाने वाले, माला बनाने वाले, पत्थर, लकड़ी, मिट्टी बनाने वाले मूर्तिकार (मूर्तिकार), हथियार निर्माता (आर्मर),टोकरी निर्माता, टोकरी चटाई निर्माता, झाड़ू निर्माता, लकड़ी आधारित बढ़ई, लोहार, सोने, चांदी आधारित (सुनार), नाव निर्माता, बर्तन, दीपक, बर्तन आदि के निर्माता (कुम्हार) ), बूट बनाने वाले, निर्माण आधारित राजमिस्त्री (पत्थर बनाने वाले), नाई/ब्यूटी पार्लर, धोबी, दर्जी आदि शामिल है ।उन्होंने कहा कि जिस कारीगर की आयु 18 वर्ष है, वह योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराकर अपने व्यवसाय से संबंधित कौशल विकास प्रशिक्षण ले सकता है। उन्होंने कहा कि नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण के बाद सरकार एक आईडी कार्ड और प्रमाण पत्र के साथ-साथ व्यवसाय से संबंधित टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रुपये तक की राशि देती है।उन्होंने कहा कि योग्य व्यक्ति अपने पेशे से संबंधित प्रशिक्षण लेकर अपने कौशल और आजीविका की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए आवेदक के पास आधार कार्ड (मोबाइल नंबर से जुड़ा हुआ), पैन कार्ड और बैंक की कॉपी होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि उक्त कौशल से संबंधित कोई भी कारीगर कौशल विकास प्रशिक्षण के बारे में अधिक जानकारी के लिए अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास), जालंधर या जिला उद्योग, बी-6 फोकल प्वाइंट जालंधर के कार्यालय और किसी भी नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर से संपर्क इस योजना के तहत संपर्क कर सकता है।