जालंधर : जिले के अपने तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन जल शक्ति अभियान की केंद्रीय टीम ने फिल्लौर सब-डिवीजन में कई स्थानों का दौरा कर जालंधर प्रशासन द्वारा धरती निचले पानी को बचाने के लिए पहलकदमियो की प्रगति का जायजा लिया।केद्रीय संयुक्त सचिव, दिनेश कुमार, आईएएस, जो जल शक्ति अभियान के तहत जिला जालंधर के केंद्रीय नोडल अधिकारी भी हैं, ने जिले में अधिक से अधिक वर्षा जल संचयन प्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि भूजल को रिचार्ज कर भारी मात्रा में वर्षा जल का इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिले भर में वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित करने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए संबंधित विभागों द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर वरिंद्रपाल सिंह बाजवा, केंद्रीय भूजल बोर्ड के वैज्ञानिक के.पी. सिंह सहित केंद्रीय नोडल अधिकारी ने प्रताबपुरा, रुड़का कलां, दुसांझ कलां सहित कई स्थानों का दौरा किया, जहां उन्होंने भूजल संरक्षण के लिए स्थापित विभिन्न परियोजनाओं का निरीक्षण किया। इन परियोजनाओं में प्रताबपुरा और रुड़का कलां में साझा जल तालाब, लिफ्ट सिंचाई, थापर मॉडल तालाब, जल शक्ति केंद्र और रुड़का कलां में वर्षा जल संचयन प्रणाली शामिल है। केन्द्रीय नोडल अधिकारी ने आने वाले मानसून के मौसम में पानी के अधिक से अधिक रिचार्जिंग पर बल दिया। उन्होंने इस नेक काम में सरकार का समर्थन करने के लिए लोगों को और अधिक जागरूक बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। इसी तरह, केंद्रीय टीम ने अधिकारियों से सभी वर्षा जल संचयन प्रणालियों में विस्तृत प्रक्रिया स्थापित करने के लिए कहा ताकि रिचार्ज किए गए पानी की निगरानी सुनिश्चित की जा सके। केंद्रीय टीम ने चल रही परियोजनाओं को जल्द पूरा करने की जरूरत पर जोर दिया।