अवैध कब्जों के खिलाफ जालंधर प्रशासन सख्त

by Sandeep Verma
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जालंधर : जिला प्रशासन जालंधर ने अवैध कब्जों को हटाने के लिए सख्त अभियान शुरू किया है।डिप्टी कमिश्नर डा.हिमांशु अग्रवाल ने जालंधर जिले के सभी एस.डी.एम के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की और सख्त निर्देश दिए है कि 31 जुलाई तक अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों की पहचान कर सरकारी स्वामित्व के साइनबोर्ड लगा दिए जाएँ, ताकि यहाँ खेल के मैदान और पार्क विकसित किए जा सकें। सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों की शिकायतों को देखते हुए उन्होंने ये निर्देश जारी किए हैं।डा.अग्रवाल ने एस.डी.एम. को इन खाली पड़ी ज़मीनों पर अस्थायी रूप से पार्क और खेल के मैदान विकसित करने के प्रस्ताव भेजने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि इनका सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित किया जा सके और अनधिकृत अतिक्रमण को रोका जा सके। उन्होंने आगे कहा कि खाली पड़ी सरकारी ज़मीन का लोगों की सुविधा के लिए उपयोग करने से समाज को लाभ होगा और साथ ही संपत्तियों को अवैध अतिक्रमण से भी बचाया जा सकेगा।डिप्टी कमिश्नर ने एस.डी.एम. से पहचान की ज़मीनों के सटीक स्थान, माप, स्वामित्व विवरण, वर्तमान कब्जे की स्थिति और उनसे संबंधित किसी भी अदालती मामले सहित एक विस्तृत रिपोर्ट भी माँगी है। इसके अलावा, उन्होंने सरकारी हितों की रक्षा करते हुए ऐसी संपत्तियों के सर्वोत्तम उपयोग के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने को भी कहा है।सरकारी ज़मीनों की सुरक्षा के लिए जालंधर प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराते हुए, डिप्टी कमिश्नर ने ऐसी सभी संपत्तियों की पहचान, निशानदेही और सुरक्षा की तत्काल आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने सभी एस.डी.एम को 31 जुलाई, 2025 तक अपनी विस्तृत रिपोर्ट उनके दफ्तर में जमा करने का निर्देश दिया, ताकि ज़िले में सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा के लिए आगे की कार्रवाई शुरू की जा सके।उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि 31 जुलाई के बाद सरकारी भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध अतिक्रमण पाया गया तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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