जालन्धर : आज से निजी बस यूनियन हड़ताल पर चले गए हैं। निजी बस यूनियन (संचालकों) ने बसें लगाकर सड़कों को जाम कर दिया है। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। पंजाब के निजी बस ऑपरेटरों के संगठन पंजाब मोटर यूनियन ने राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों और समस्याओं की उपेक्षा के विरोध में एक दिवसीय ‘चक्का जाम’ की घोषणा की है। यूनियन का आरोप है कि लंबे समय से मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री व अन्य अधिकारियों से मिलकर उनकी समस्या बताने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सरकार यूनियन से बात करने को तैयार नहीं है केंद्रीय सचिव राजिंदर सिंह बाजवा और अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि आज निजी बस संचालक मंदी के दौर से गुजर रहे हैं और अगर सरकार इस व्यवसाय को बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाती है तो यह व्यवसाय अपने आप बंद हो जाएगा, जिससे लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा दी है, जिससे निजी बसों के मालिकों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने सरकार से शनिवार और रविवार को निजी और सरकारी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा सुविधा प्रदान करने की मांग की और इसके लिए निजी और सरकारी बसों में महिलाओं की यात्रा के लिए उचित राशि दी जानी चाहिए।
ये हैं प्राइवेट बस कर्मचारियों की मांगे
- प्रदेश भर में 2200 के करीब निजी बड़ी यात्री बसें है और 4500 के लगभग मिनी बसें हैं।
- महिलाओं को पंजाब रोडवेज एवं पीआरटीसी में निशुल्क यात्रा सुविधा देने के चलते निजी बस ऑपरेटरों को हो रहे वित्तीय नुकसान का हल निकाला जाना चाहिए।
- मोटर व्हीकल टैक्स 1 रुपए प्रति किलोमीटर किया जाए। मोटर व्हीकल टैक्स पर 10 फ़ीसदी सरचार्ज खत्म किया जाए।
- टोल प्लाजा एवं नेशनल हाईवे अथॉरिटी की हिदायतों के हो रहे उल्लंघन को खत्म किया जाए।
- यात्री किराए में बढ़ोतरी की जाए। प्रथम चरण का न्यूनतम किराया 20 रुपए निश्चित किया जाए।
- दिन में एक बार ही अड्डा फीस निश्चित की जाए। टाइम टेबल मोटर पॉलिसी के मुताबिक बनाए जाएं