एडीआर केंद्र में कानूनी सहायता डिफैंस परामर्श प्रणाली दफ्तर का उद्घाटन

by Sandeep Verma
0 comment
Trident AD

जालंधर : जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण जालंधर के एडीआर सेंटर में गुरुवार को वर्चुअल ढंग से कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली के कार्यालय का उद्घाटन किया गया।कानूनी सहायता रक्षा परामर्श योजना-2022 के तहत कार्यालय कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली की शुरूआत न्यायमूर्ति रविशंकर झा मुख्य न्यायाधीश पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय-कम-पैटर्न-इन-चीफ पंजाब कानूनी सेवा प्राधिकरण और न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधवालिया न्यायाधीश पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय-कम-कार्यकारी अध्यक्ष पंजाब कानूनी सेवा प्राधिकरण ने ऑनलाइन ढंग से की।इस अवसर पर न्यायमूर्ति अरुण पल्ली, न्यायाधीश पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और न्यायमूर्ति हरप्रीत कौर जीवन, न्यायाधीश पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और मनजिंदर सिंह सदस्य सचिव पंजाब राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण भी उपस्थित थे। जिला एवं सैशन न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण जालंधर निरभऊ सिंह गिल और सीजेएम-कम-सचिव जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण जालंधर डा. गगनदीप कौर भी मौजूद रही।इस अवसर पर बोलते हुए, न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया ने कहा कि लोगों को तुरंत और सस्ता न्याय प्रदान करने के लिए जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण में कानूनी सहायता बचाव सलाहकार नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आपराधिक मामलों में नामित अपराधियों के मामलों की पैरवी के लिए जालंधर में एक मुख्य कानूनी सहायता बचाव वकील, तीन उप कानूनी सहायता बचाव वकील और चार सहायक कानूनी सहायता बचाव वकील नियुक्त किए गए है, जो जरूरतमंदों के आपराधिक मामलों की पैरवी करेंगे।जिला एवं सैशन न्यायाधीश निरभऊ सिंह गिल ने कहा कि लीगल एड डिफैंस काउंसिल योजना जरूरतमंदों के लिए फायदेमंद साबित होगी। उन्होंने कहा कि एडीआर सेंटर में लीगल एड डिफैंस काउंसिल का कार्यालय स्थापित किया गया है, जो सभी प्रकार के आपराधिक मामलों में जरूरतमंद लोगों की मदद करेगा और लोगों को त्वरित और कुशलतापूर्वक न्याय दिलाने में मदद करेगा।बता दे कि पहले हवालातियों/बंदियों को नि:शुल्क कानूनी सहायता के पैनल से वकील उपलब्ध करवाए जाते थे और अब कानूनी सहायता बचाव वकील इन हवालातियों/बंदियों के मामलों की पैरवी करेंगे।उन्होंने यह भी बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत अब कैदियों/बंदियों के अलावा अभियोजन मामलों, वैवाहिक विवादों, मोटर दुर्घटना दावों, नागरिक दावों आदि के पैनल में शामिल वकीलों में महिलाओं/बच्चों जैसे जरूरतमंद व्यक्तियों को भी शामिल किया जाएगा। , एससीएसटी संबंधित व्यक्ति, विकलांग, अत्यधिक कठिनाई में, औद्योगिक श्रमिक और जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम है, वे पहले की तरह सरकारी खर्च पर वकील की सेवाएं ले सकते हैं।इस संबंध में विभाग के टोल फ्री नंबर 1968 पर भी संपर्क किया जा सकता है। लोक अदालतों एवं मध्यस्थता के माध्यम से विवादों का निपटारा राजीनामा के माध्यम से किया जाता है। इस अवसर पर सी.जे.एम. डा. गगनदीप कौर ने पीड़ित मुआवजा योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले व्यक्तियों के आश्रित परिवारों, यदि किसी अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, तो वे मुआवजा प्राप्त करने के लिए जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, जिला न्यायालयों से संपर्क कर सकते हैं। .हैं यदि ऐसे मामलों में आरोपियों का नाम आता है तो संबंधित अदालत में मुआवजे के लिए आवेदन किया जा सकता है। इसके अलावा, बलात्कार पीड़िताएं और पोस्को अधिनियम के तहत पीड़ित महिलाएं/बच्चे नालसा अपराध पीड़ित योजना के तहत मुआवजे की मांग कर सकते हैं।

Trident AD
Trident AD

You may also like

Leave a Comment

2022 The Trident News, A Media Company – All Right Reserved. Designed and Developed by iTree Network Solutions +91 94652 44786