जालंधर: पंजाब के पहले सिद्ध मां बगलामुखी जी के स्थान मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मा पिंड चौंक जालंधर में मां बगलामुखी जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन किया गया।सर्व प्रथम ब्राह्मणों द्वारा पंचोपचार ,नवग्रह, षोढषोपचार ,गौरी गणेश एवं कुंभ पूजन इत्यादि सम्पन्न करके मुख्य यजमान बलजिंदर सिंह से सपरिवार पूजा अर्चना करवाई गई। आज मां बगलामुखी धाम में हवन-यज्ञ उपरांत धाम के मुख्य सेवादार नवजीत भारद्वाज ने आए हुए मां भक्तजनो से विचार व्यक्त करते हुए कहा की आध्यात्म के अलग-अलग मार्ग हैं, भक्ति का मार्ग, अनुभव का मार्ग और ज्ञान का मार्ग। भक्ति का मार्ग ईश्वरवादी मार्ग है। इस मार्ग से ब्रह्म की प्राप्ति संभव है। भक्ति मार्ग वह है, जहां हमें विश्वास करना पड़ता है। ईश्वर अथवा भगवान अलग-अलग धर्मों के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं। धर्मों को लेकर विविधता भी है। सर्वाधिक विविधता भारत में है। लेकिन इस विविधता के बीच भी भक्ति मार्ग से ईश्वर की प्राप्ति संभव है और भक्ति मार्ग से ही ईश्वर प्राप्ति संभव है, लेकिन इसके लिए विश्वास जरूरी है।’ *यह बात मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी* ने उपस्थित माँ भक्तों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भक्ति मार्ग और आध्यात्म पर हालांकि दार्शनिक, वैज्ञानिक और अस्तिक इस पर विश्वास नहीं करते। चूंकि ईश्वर को किसी ने नहीं देखा, लेकिन भक्ति और विश्वास से ईश्वर की अनुभूति की जा सकती है। यह तभी संभव है जब ध्यान-योग से जीव स्वयं को ब्रह्म स्वरूप में अनुभूत करे। ईश्वर की अनुभूति का यह प्राचीन मार्ग है।इस अवसर पर राकेश प्रभाकर, समीर कपूर, एडवोकेट राज कुमार,अशोक कुमार, अवतार सैनी, अभिलक्षय चुघ,उदय, नवदीप, अजीत कुमार, संजय, संजीव शर्मा, दिशांत शर्मा,बावा खन्ना, राकेश राणा, प्रताप सिंह,पूनम प्रभाकर ,सरोज बाला, रिंकू सैनी, केतन शर्मा,ईशु वर्मा, सुभाष डोगरा, विक्की नाहर, जगदीश वर्मा आदि मौजूद थे।हवन-यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।