जालंधर : प्रधानमंत्री नरें__द्र मोदी के दौरे के दौरान जालंधर के व्यापारियों की आशाओं और उम्मीदों पर उस समय पानी फिर गया जब प्रधानमंत्री ने जालंधर के व्योपारी वर्ग के लिए कोई राहत की घोषणा तक नहीं की।यह बात जलंधर लोक साभ क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी पुर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपनी रिहायश पर प्रेस कान्फ्रेंस करते हुए कही।इस दौरान चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि बीजेपी की जालंधर रैली से लोगों को काफी उम्मीदें थीं कि प्रधान मंत्री जालंधर की जनता के लिए कोई बड़ा ऐलान करेंगे लेकिन जहां रैली फ्लॉप शो साबित हुई वहीं लोगो की उम्मीदों पर भी पानी फिर गया।चन्नी ने कहा कि उन्हें भी उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री विकास का रोडमैप लेकर आएगें लेकिन प्रधानमंत्री की रैली खोजा पहाड़ निकला चुही भी नहीं वाली साबित नहीं हुई। उन्होंने कहा कि बीजेपी का पूरा अभियान इसी रैली पर निर्भर था, लेकिन इस रैली ने भाजपा की हवा निकालदी है।स.चन्नी ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री बताएंगे कि जालंधर के लिए उनका विजन क्या है, लेकिन रैली में जालंधर का जिक्र नहीं किया गया ओर पंजाब के बारे में भी कोई एलान नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद थी केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण दम तोड़ रहे जालंधर के उद्योगों को कुछ राहत देने की प्रधानमंत्री की ओर से बड़ी घोषणा होगी, लेकिन प्रधानमंत्री ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की, जिससे व्यापारी वर्ग संतुष्ट हो सके। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री से उम्मीद थी कि वह जालंधर के लिए बाबा साहिब भीमराव अंबेडकर के नाम पर एक सरकारी विश्वविद्यालय या पीजीआई और आजम जैसे अस्पताल लाएगें, लेकिन प्रधानमंत्री ने कोई घोषणा न करके जालंधर के लोगों को निराश किया है।चन्नी ने कहा कि आदमपुर के हवाई अड्डे का नाम गुरु रविदास जी महाराज के नाम पर रखने के लिए विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था, लेकिन प्रधान मंत्री ने नाम रखने का वादा किया । जबकि भाजपा के स्थानीय नेता कहते थे कि यह घोषणा प्रधान मंत्री से की जाएगी मंत्री, लेकिन प्रधानमंत्री ने उन नेताओं में से एक नाम स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने श्री गुरु रविदास महाराज जी का नाम सम्मान के साथ नहीं लिया, जिसके कारण उनके भाईचारे में आठ जिलों से लोगो को भी लाया नहीं जा सका जबकि आठ लोकसभा क्षेत्रों के लोगों लगाने कर भी रैली इक्कठ नहीं हुआ। उन्होने ने कहा कि वह जालंधर के लोगों को निराश नहीं करेगें तथा कांग्रेस का राज्य आने वाला है और कांग्रेस जालंधर के उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में काम करते हुए सरकारी यूनिवर्सिटी और कॉलेज खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से उम्मीद थी कि कोई किसानों की बात करेंगे व एमएसपी पर कुछ कहेंगे, लेकिन कांग्रेस की सरकार आएगी तो एमएमपी पर कानून लाएंगे.जबकि मनरेगा की दैनिक मजदूरी भी 500 की जाएगी तथा 30 लाख नौकरियां दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को भी लागू करना उनका लक्ष्य है। उन्होंने जालंधर का चुनावी घोषणा पत्र भी जारी किया।उन्होने जालंधर में मैडिकल ट्रजिम को बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे विदेशों में महिंगा इलाज करवाने वाले लोग जालंधर आएंगे और पाकिस्तान से भी लोग महिंगा इलाज करवा सके।यह इलाज करा सकेंगे तथा विदेशों के मुकाबले यहां पेसे में इलाज होगा और जालंधर के लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि यहां पर एम्स यां पीजीआई की तरह का अस्पताल लाया जाएगा तथा यहां के सरकारी अस्पताल को अपग्रेड करना उनके एजेंडे में शामिल है। उन्होंने कहा कि जालंधर को आईटी हब के रूप में भी विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जालंधर में खेल उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए व्यापारियों की सलाह से बड़े कदम उठाए जाएंगे, जबकि नोजवानों को व्यवसाय उपलब्ध करवाने पर भी काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जालंधर में क्रिकेट स्टेडियम बनाने के अलावा हॉकी स्टेडियम में सुधार किया जाएगा और इनडोर खेल मैदान भी बनाए जाएंगे।स. चन्नी ने कहा कि जालंधर में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है और जुआ तथा ड्रग्स जैसे अवैध कारोबार आम आदमी पार्टी से बीजेपी में गए नेताओं के प्रभाव के कारण चल रहे है जिसके चलते ऐसे दलबदलू नेताओं से जलंधर के लोगो को कोई उम्मीद नहीं है, जबकि कांग्रेस पार्टी माफिया के गठजोड़ को तोड़ देगी ओर अच्छा माहौल देगी। उन्होंने कहा कि लोगों की आय बढ़ाने पर भी काम किया जाएगा। चन्नी ने कहा कि वह जलंधर के लोगों के बीच रह कर सेवा करेंगे और जालंधर के लोगों को धोखा नहीं देंगे।इस दौरान चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से सवाल किया कि वह बताएं कि उनका किसानों के साथ क्या विरोध है।चन्नी ने कहा कि प्रधानमंत्री के चुनावी दौरे के दौरान किसानों को उनके घरों से उठाया गया जब कि घरों में भी क्यों नजरबंद किया गया। मुख्यमंत्री के दौरे पर किसानों और सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार कर अराजकता फैलाई जा रही है और मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि पंजाब का माहौल खराब करके किसानों और कर्मचारियों को क्यों परेशान किया जा रहा है।उन्होने मीडिया अदारों को दबाने की कार्रवाई की निंदा की।