जालंधर : हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। इस तिथि पर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। इसी वजह से इस दिन को हिंदू नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। सनातन धर्म में हिंदू नववर्ष का अधिक महत्व है।हिंदू नववर्ष के अवसर पर मानव के अलावा प्रकृति भी नववर्ष का स्वागत कर रही होती है। इस दौरान ॠतुराज वसंत प्रकृति को अपने गोद में ले चुके होते हैं। हिंदू नववर्ष का पहला पर्व चैत्र नवरात्र होता है। इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम और धर्मराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी हुआ था पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 30 मार्च को है। इसी दिन से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होगी। हिंदू नववर्ष के आरंभ के दौरान सूर्य देव और चंद्र देव दोनों मीन राशि में विराजमान रहेंगे।हिंदू नववर्ष 2025 के राजा सूर्य हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस दिन से हिंदू नववर्ष शुरू होता है, तो उस दिन के स्वामी को राजा माना जाता है और हिंदू नववर्ष 2025 के मंत्री भी सूर्य हैं। इस बार हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 होगा।
“हिंदू नववर्ष के दिन क्या करें”
स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।
इसके बाद मंदिर की सफाई कर दीपक जलाकर पूजा करें।
देवी-देवताओं की आरती करें।
जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें।
श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान करें। मान्यता है कि दान करने से इंसान को जीवन में किसी भी चीज की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।







