जालंधर : धार्मिक मत है कि निर्जला एकादशी पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा उपासना करने से साधक द्वारा जन्म-जन्मांतर में किए गए सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख समृद्धि एवं खुशहाली आती है। साधक मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए एकादशी व्रत रखते हैं।शास्त्रों के अनुसार, जरूरतमंदों या ब्राह्मण को पानी से भरा मिट्टी का घड़ा दान करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और पितृ या चंद्र दोष दूर होते हैं। क्योंकि चंद्रमा जल का प्रतीक हैं और एकादशी को पितरों को शांति प्रदान करने वाला माना जाता है, इसलिए ये ज्येष्ठ महीने की भीषण गर्मी में ये कार्य बहुत शुभ माना गया है।वेदों के अनुसार, श्री यंत्र में 33 कोटी देवी-देवताओं की उपस्थिति होती है। इसे एकादशी या शुक्रवार को स्थापित करके विधिवत पूजा करने से घर में समृद्धि, प्रचुरता और देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।







