

जालंधर : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) जालंधर इकाई द्वारा राष्ट्रीय छात्र दिवस एवं परिषद के 77वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में “प्रतिभा सम्मान समारोह” का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम हंसराज महिला महाविद्यालय में संपन्न हुआ। इस विशेष अवसर पर शिक्षा, खेल, संस्कृति, कला, और समाजसेवा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के 600 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर राघवेंद्र प्रसाद तिवारी, कुलपति, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय , विशेष उपस्थिति शालिनी वर्मा , राष्ट्रीय मंत्री अभाविप रहे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के तौर पर वाणी विज मैनेजिंग डायरेक्टर दैनिक सवेरा, सीमा धूमल प्रदेश प्रमुख लघु उद्योग भारती, दविंदर सिंह DSW सीटी विश्वविद्यालय रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डॉ अजय सरीन ने की।मुख्य अतिथि प्रोफेसर तिवारी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में बताया कि एबीवीपी केवल एक छात्र संगठन नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि विद्यार्थी परिषद युवाओं को न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में आगे बढ़ने हेतु प्रेरित करती है, बल्कि उन्हें सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारियों का बोध भी कराती है। उन्होंने यह संदेश दिया कि एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य केवल अपनी भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं, बल्कि देश और समाज की सेवा करना भी है।इस अवसर पर कुमारी शालिनी वर्मा, राष्ट्रीय मंत्री, एबीवीपी ने “ऑपरेशन विजय” के वीरता प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कारगिल विजय दिवस के शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार भारतीय सेना और वायुसेना ने पराक्रम दिखाते हुए भारत की रक्षा की। साथ ही उन्होंने “पाँच परिवर्तन” की अवधारणा को साझा किया, जिसमें बताया गया कि भारत का प्रत्येक नागरिक छोटे-छोटे प्रयासों से भी राष्ट्र निर्माण में प्रभावशाली भूमिका निभा सकता है।हंसराज महिला महाविद्यालय की प्रधानाचार्य प्रोफेसर डॉ. अजय सरीन ने सभी अतिथियों, एबीवीपी के कार्यकर्ताओं और कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह आयोजन केवल एक सम्मान समारोह नहीं था, बल्कि यह युवाओं के लिए प्रेरणा का एक मंच था, जिसने उनमें परिश्रम, निष्ठा और समाज सेवा जैसे मूल्यों को सुदृढ़ किया।यह आयोजन इस बात का साक्ष्य है कि जब छात्र शक्ति संगठित होती है, तो वह न केवल शिक्षा बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय क्षेत्र में भी क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का यह प्रयास विद्यार्थियों को सम्मानित करने के साथ-साथ उन्हें राष्ट्र निर्माण की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने हेतु प्रेरित करने का भी एक सशक्त माध्यम बना।








