जालंधर ( एस के वर्मा ): सारागढ़ी के एतिहासिक युद्ध की शहादत की 125वीं बरसी के मौके पर जिला प्रशासन ने सोमवार की शाम स्थानीय गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम में पंजाब आर्ट थियेटर के भव्य नाटक जंग-ए-सारागढ़ी का आयोजन किया। सारागढ़ी के योद्धाओं की अद्वितीय वीरता से जिले के लोगों को अवगत करवाने के प्रयास में पंजाब आर्ट थिएटर की टीम ने इस नाटक का सुंदर और उचित मंचन किया। प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक हरबख्श सिंह लाटा के नेतृत्व में निर्मित जंग-ए-सारागढ़ी के दौरान, 21 सिख सैनिकों और एक सहयोगी ने 10 हज़ार से अधिक अफ़ग़ानी पश्तूनों का 12 सितंबर 1897 को छह घंटे की लंबी लड़ाई का मुक़ाबला करने की गाथा सुनाई गयी ।जंग-ए-सारागढ़ी के मंचन के दौरान पंजाब आर्ट थियेटर के कलाकारों ने पेश किया कि किस तरह सिख सैनिकों ने बहादुरी की अनूठी मिसाल पेश की और विरोधियों के सामने घुटने टेकने की बजाय जोश, जुनून और बहादुरी से उनका मुक़ाबला किया । डिप्टी कमिश्नर जसप्रीत सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने जंग-ए-सारागढ़ी की प्रस्तुति को बड़े उत्साह से देखा और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। महानाटक के समापन के बाद, जालंधर के कदोला गांव में पैदा हुए सरदार राम सिंह जो 36 सिख रेजिमेंट का हिस्सा थे और सारागढ़ी के युद्ध के दौरान 4 सिख रेजिमेंट में थे,पठानों के साथ लोहा लेते हुए शहीद हो गये थे के परिवार की सदस्य राजविंदर कौर को ज़िला प्रशासन ने शॉल भेंट कर सम्मानित किया । जंग-ए-सारागढ़ी के सफल मंचन के लिए जिला प्रशासन के भारत पेट्रोलियम, पीकेएफ से अलोक सौंधी, पटेल अस्पताल से डा. स्वपन सूद, मानव संसाधन इंडस्ट्री से सुशांत शर्मा, सवी इंटरनेशनल के मुकुल वर्मा ने विशेष सहयोग दिया। पावरकॉम के पूर्व कार्यकारी इंजीनियर करमजीत सिंह नूर ने जंग-ए-सारागढ़ी महानाटक की शुरुआत से पहले सारागढ़ी युद्ध पर आधारित नजम प्रस्तुत की। इस मौके पर विधायक रमन अरोड़ा, विधायक शीतल अंगुराल, आम आदमी पार्टी के नेता मंगल सिंह, अमृतपाल सिंह, लोक गायक दलविंदर दयालपुरी सहित विभिन्न क्षेत्रों की अन्य हस्तियां मौजूद रही।