जालंधर ( एस के वर्मा / एम के शर्मा ): जिला प्रशासन जांलधर की तरफ से पंजाब स्टेट ग्रामीण आजीविका मिशन अधीन दिए गए फुटबाल बनाने के प्रशिक्षण के बाद वरियाना गांव में 25 महिलाओं के एक स्वयं सहायता समूह ने एक लाख रुपये की महीना की आमदनी कमाना शुरू कर दिया है। प्रशिक्षण स्थानीय फुटबाल उद्योग के सहयोग से उनकी श्रम शक्ति की मांग को पूरा करने के लिए प्रदान किया गया था। जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर जसप्रीत सिंह ने कहा कि जालंधर अपने फुटबाल उद्योग के लिए जाना जाता है, इसलिए बेरोजगार महिलाओं को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार फुटबॉल सिलाई तकनीक में प्रशिक्षित करने के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कैंप आयोजित किया गया था। उन्होंने आगे बताया कि फुटबाल उद्योग में श्रम शक्ति की भारी मांग है और प्रशासन इसे पूरा करने के लिए ठोस प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण पूरा करने के बाद 25 महिलाओं के पहले बैच ने वरियाना गांव में स्वयं सहायता समूह बनाकर काम करना शुरू कर दिया है, जिनको रोजाना बड़े स्तर पर काम मिल रहा है। डिप्टी कमिश्नर ने आगे कहा कि प्रशासन इस मिशन के तहत और अधिक महिलाओं को शामिल करने के लिए और अधिक प्रशिक्षण सैशन आयोजित करने की योजना बना रहा है ताकि अधिक से अधिक बेरोजगार और जरूरतमंद लाभार्थी इस विशेष पहल का हिस्सा बन सकें। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इन सभी 25 महिलाओं को फुटबॉल उद्योग से बहुत काम मिल रहा है और वरियाना गांव में अपना छोटा व्यवसाय चला रही है। इनमें से एक महिला परमजीत कौर ने बताया कि उसने सितंबर में पंजाब राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत फुटबाल सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त किया था, जहां उसने 24 अन्य सदस्यों के साथ निर्माताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए फुटबॉल बनाने के तकनीकी पहलुओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा, “एक बार प्रशिक्षण पूरा होने के बाद हमें विभिन्न निर्माताओं से आर्डर मिलने शुरू हो गए, जिससे हमारे समूह की आय में वृद्धि हुई।” उसने कहा कि उनको यहां काम शुरू करने के बाद एक लाख रूपये से ज्यादा के आर्डर मिल चुके हैं। परमजीत कौर ने ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए इस प्रशिक्षण सैशन का प्रबंध करने के लिए डिप्टी कमिश्नर जसप्रीत सिंह का आभार व्यक्त किया।
फुटबाल उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा महिलाओं के प्रशिक्षण का प्रबंध
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