जालंधर ( एम के शर्मा ) : प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए दिनेश डोगरा, संयोजक यूएफबीयू जालंधर यूनिट, एस.पी.एस. विर्क,संजीव भल्ला,दलीप पाठक, कंवलजीत सिंह कालरा, एच.एस. वीर, राज कुमार जॉली, रमेश भगत,राज कुमार भगत, पवन बस्सी,विनोद शर्मा,जसविंदर सिंह साहनी, बलजीत कौर,जगप्रीत सिंह, एन.के. खन्ना, ईसा पूर्व जोशी व अतुल लारोविया, राजिंदर कुमार,अशोक कुमार, कॉम. संदीप मेहता और आर.के. मेहता इंद्रजीत सिंह इस बीच, चूंकि हमारा पिछला वेतन समझौता अक्टूबर, 2022 में समाप्त हो रहा था, आईबीए को मांगों का नया चार्टर प्रस्तुत किया गया है इस पर भी आईबीए पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है। सप्ताह में 5 बैंकिंग दिन शुरू करने, पिछले सेवानिवृत्त लोगों के लिए पेंशन को अद्यतन करने, उनकी मांगों के पक्ष में विरोध प्रदर्शन करेंगे।अवशिष्ट मुद्दे, बेहतर ग्राहक सेवा सुनिश्चित करने के लिए सभी संवर्गों में पर्याप्त भर्ती, नई पेंशन योजना को समाप्त करना और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना, वेतन संशोधन के मांगों के चार्टर पर बातचीत की तत्काल शुरुआत। हम यह भी अनुभव कर रहे हैं कि सभी बैंकों में, सभी संवर्गों की अधिकांश शाखाओं में कर्मचारियों की भारी कमी है और बैंक प्रबंधन इन रिक्तियों को भरने के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की भर्ती नहीं कर रहे हैं।और अधिकारियों को भारी काम के बोझ से मजबूर किया जाता है जिससे कर्मचारियों की हताशा और पदावनति होती है। इसके कारण ग्राहक सेवा स्नेही रही है और बैंकों का व्यवसाय भी भारत के सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने यूएफबीयू को बैंक कर्मचारियों की मांगों के लिए अपना पूर्ण समर्थन दिया (ट्रेड यूनियनों द्वारा प्रेस विज्ञप्ति संलग्न ) इन दो दिनों के साथ लगातार पूर्ण बैंक हड़ताल होती है तो बैंकों को जालंधर जिला नकदी बंद होने और चेक समाशोधन बंद होने से कारोबारियों को 1200 करोड़ के आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, यूएफबीयू ने हमारे आंदोलन कार्यक्रमों को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया और 30 और 31 जनवरी, 2023 को सभी बैंकों में अखिल भारतीय हड़ताल का सहारा।