हमारे सभी सुख-दुख के अनुभव हमारे पूर्व जन्मों में इकट्ठे किए गए कर्मों का परिणाम : नवजीत भारद्वाज

by Sandeep Verma
0 comment
Trident AD
Trident AD

जालंधर ( एस के वर्मा ) :  बगलामुखी धाम नजदीक लम्मां पिंड चौंक होशियारपुर रोड़ पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले ब्राह्मणों द्वारा नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमित्त मंत्न माला जाप कर मुख्य यजमान स अमरजीत सिंह से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं । इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतियां डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कर्म की सही परिभाषा क्या है। ‘कर्म’ शब्द का उपयोग अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके से किया जाता है । हमारे जीवन में किस तरह से हमारे इरादे, हमारी इच्छाएं और हमारी भावनाएं, हमारे आचरण को और हमारी क्रियाओं को प्रभावित करते हैं और कैसे इन सब का संबंध कर्म से है। संस्कृत भाषा में कर्म का अर्थ है कार्य या क्रिया। वे सारी क्रियाएं जो न सिर्फ हम शरीर द्वारा करते हैं लेकिन अपने मन और वाणी द्वारा भी करते हैं, उसे कर्म कहते हैं। कर्म को भूतकाल का एक प्रतिस्पंदन और भविष्यकाल का कारण भी कहा जाता है। हमारी आज की सभी क्रियाएं पिछले जन्म के कर्मों के फलस्वरूप हैं। इसलिए हमारे जीवन में अभी आपको जो कुछ भी दिखाई देता है, वह सब हमारे पहले के अभिप्राय का फल है। हमारे ‘कर्मों’ के कारण ही हम लगातार जन्मों जन्म के चक्कर में आते हैं। हमारे सभी सुख और दुख के अनुभव हमारे पूर्व जन्मों में इकट्ठे किए गए कर्मों का परिणाम हैं। कभी भी एक नकारात्मक क्रिया अन्य सकारात्मक क्रिया द्वारा मिटाई नहीं जा सकती। नवजीत भारद्वाज ने कहा कि हमें इन दोनों के अलग-अलग परिणाम भुगतने पड़ते हैं। हर वह चीज जिसका हम अनुभव करते हैं, हमारी ही रचना है और इसके लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं है। हमारे अनंत जन्मों के लिए हम खुद ही पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं। बहुत से लोगों का मानना है कि जीवन में वे जो कुछ भी अनुभव करते हैं, वह सब उनका ही किया हुआ है। इसलिए वे उसे बदलने की कोशिश करते हैं, लेकिन उसमें असफल होते हैं, क्योंकि उसे बदलना उनके हाथ में नहीं हैं। IMG 20230420 WA0111   फल को बदलने के बारे में सोचना सही है, सिर्फ आत्मज्ञान प्राप्ति के बाद ही ऐसा संभव हैं, तब तक यह संभव नहीं है। अपने शाश्वत सुख को पाने और अपने पिछले जन्मों के कर्मों को खत्म करने की यात्रा का पहला जरूरी कदम है – खुद को जानना अर्थात आत्मसाक्षात्कार करना। इस अवसर पर विक्रम भसीन, पूनम प्रभाकर, मोनिका कपूर, नीरज कपूर, श्रीकंठ जज, हैरी शंकर शर्मा, विक्र, संजीव सोंधी, बलिजंदर सिंह,रविन्द्र बांसल, प्रिंस कुंडल, अनिल चड्डा,रोहित भाटिया, गौरव कोहली, अमरेंद्र कुमार शर्मा,राजेंद्र कत्याल,राकेश प्रभाकर, बलवंत बाला, मुनीश शर्मा, सुरेंद्र शर्मा,रोहित बहल, एडवोकेट राज कुमार, मोहित बहल, अशोक शर्मा, विक्र ांत शर्मा, गोपाल मालपानी, राघव चढ्ढा, समीर कपूर, अश्विनी शर्मा,संजीव शर्मा, मुकेश चौधरी, अमरेंद्र सिंह,संजीव सांविरया, मुनीश शर्मा, यज्ञदत्त, राकी,बावा जोशी, पंकज,करन वर्मा, राजेश महाजन, संजीव शर्मा, गुप्ता,मानव शर्मा, राजीव, दिशांत शर्मा,अशोक शर्मा, पंकज, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह,अभिलक्षय चुघ,लक्की, वावा खन्ना, सुनील जग्गी,प्रिंस,पंकज, प्रवीण सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया

Snow
Forest
Mountains
Snow
Forest
the trident news the trident news the trident news the trident news the trident news

You may also like

Leave a Comment

2022 The Trident News, A Media Company – All Right Reserved. Designed and Developed by iTree Network Solutions +91 94652 44786

You cannot copy content of this page