भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती, मगर उसकी मार से कोई बच नहीं सकता : नवजीत भारद्वाज

by Sandeep Verma
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जालंधर : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में श्री शनिदेव महाराज के निमित्त श्रृंखलाबद्ध हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। सर्व प्रथम सभी मुख्य यजमान गुलशन शर्मा से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत आए हुए सभी भक्तों से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई । श्री शनिदेव महाराज के जाप उपरांत मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई। हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से अपनी बात कहते हुए बताया कि गरीब व्यक्ति को कभी सताना नहीं चाहिए। जो व्यक्ति गरीब को सताता है, परमात्मा उसे सजा जरूर देता है। हमेशा एक दूसरे से मिल कर रहने वालों पर ही भगवान भी खुश रहते हैं। उन्होंने एक दृष्टांत सुनाते हुए कहा कि एक संत भिक्षा मांगता किसी सेठ के दरवाजे पर पहुंच गया तो सेठ की पत्नी बिगड़ती हुई बोली क्या बात है संत बोले घर में एक वक्त की रोटी बनी हो तो दे दो। सेठानी ने उसे टोक दिया। संत विनम्र स्वभाव से बोला कि बहन ऐसा किसी अन्य महात्मा के साथ मत करना वे आप को श्रप दे सकते है। अगर आपके पास पका भोजन नहीं था तो बोल देती। यह सुन सेठानी बोली कि रु को बाबा मैं भोजन लेकर आती हूं। उसके बाद वह अपने पती को यह कह कर बुला लाई कि बाहर खड़ा संत उसे छेड़ रहा है। फिर क्या था पति आग बबूला होकर नीचे आया और संत को लाठियों से पीट-पीट कर बेहोश कर दिया। संत को पीटने के पश्चात सेठ अपने कमरे की ओर जा रहा था तभी सीढ़ियों पर उसका पैर फिसल गया। वह नीचे गिरा गया और मौके पर उसकी मौत हो गई। संत के होश में आने के बाद सेठानी ने उससे कहा कि तुमने मेरे पति को श्रप देकर मार दिया है। यह सुनकर महात्मा बोले बहन, जब तुम्हारा पति मुझको मार रहा था तो यह सब मैने तो सहन कर लिया और उफ तक नहीं किया, लेकिन मेरे भगवान को यह सहन नहीं हुआ। संत ने सेठानी से कहा कि द्वार पर आए अतिथि का कभी निरादर नहीं करना चाहिए। अगर कुछ न दे सको तो हाथ जोड़ दो। संत की बाते सुन कर सेठानी की आंखे खुल गई। नवजीत भारदज ने कहा कि इस तरह अगर किसी को कुछ न दे सको तो किसी निर्धन की निर्धनता पर हंसना नहीं चाहिए, क्योंकि भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती। मगर उसकी मार से कोई बच नहीं सकता। इस अवसर पर श्रीकंठ जज, संजीव सोंधी, राकेश प्रभाकर,विवेक सहगल,रेखा सहगल, बलजिंदर सिंह,समीर कपूर, रोहित भाटिया, प्रिंस कौंडल, अमरेंद्र कुमार शर्मा, गुलशन शर्मा, दिशांत,लवली शर्मा,राजेश महाजन, मनीष शर्मा, अश्विनी शर्मा धूप वाले, संजीव शर्मा, विनोद लूथरा, यज्ञदत्त, अवतार सिंह,पंकज, मानव शर्मा, बावा खन्ना, संजय, सोनू छाबड़ा, नवीन, डा. गुप्ता,विकास अग्रवाल, दिशांत शर्मा,अशोक शर्मा, मोहित बहल, दीपक, प्रिंस, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, गनेश कुमार, सुरेंद्र सिंह, अजय,सौरभ मल्होत्ना, प्रदीप शर्मा, पंकज,मनी,लवली रल्हन, विनोद खन्ना, मुकेश चौधरी, इकबाल, प्रवीण, दीपक, विदुर, जे डी, अशोक शर्मा,सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।

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