जालंधर : डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने कहा कि जिला प्रशासन डेंगू की रोकथाम को लेकर पूरी सतर्कता बरत रहा है और संबंधित अधिकारियों को फॉगिंग और लारवा चेकिंग अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि जिलावासियों को डेंगू से बचाया जा सके।डिप्टी कमिश्नर ने अधिकारियों से कहा कि उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए जहां पिछले वर्ष डेंगू के अधिक मामले सामने आये थे।उन्होंने कहा कि नगर निगम/परिषद की टीमों के समन्वय से आवश्यक स्थानों पर फॉगिंग करायी जाये। उन्होंने कहा कि जो लोग अभी भी डेंगू के संबंध में जारी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित नहीं कर रहे हैं, उनका चालान किया जाए।डेंगू के खिलाफ जागरूकता गतिविधियों पर जोर देते हुए श्री सारंगल ने कहा कि लोगों को डेंगू से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी देने के लिए जागरूकता प्रयासों को तेज किया जाना चाहिए।डिप्टी कमिश्नर ने डेंगू के खिलाफ अभियान में लोगों की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि जागरूकता अभियान में अधिक से अधिक लोगों को शामिल किया जाना चाहिए।डिप्टी कमिश्नर ने जिलावासियों से डेंगू के खिलाफ अभियान में सहयोग करने का आग्रह करते हुए कहा कि डेंगू के प्रति सतर्क एवं सतर्क रहने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने घरों में इस्तेमाल होने वाले कूलर, रेफ्रिजरेटर ट्रे, पानी के ड्रम और अन्य बर्तनों को सप्ताह में एक बार साफ करें और सुखाएं।सिविल सर्जन डा.रमन शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा 23 जनवरी से शुरू किए गए घरों के सर्वेक्षण के दौरान 52921 शहरी और 159600 ग्रामीण घरों सहित कुल 212521 घरों का सर्वेक्षण किया गया है, जिनमें से 693 शहरी और 173 ग्रामीण घरों सहित 866 स्थानों का सर्वेक्षण किया गया है।मच्छरों के लारवा पाए जाने पर उन्हें निर्धारित नियमों के अनुसार नष्ट कर दिया गया। इसके इलावा 65 चालान काटे गए हैं।उन्होंने आगे बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने 115 लक्षित क्षेत्रों में तीन सर्वेक्षण किए हैं, जिनमें 20 हॉट स्पॉट और 95 स्लम क्षेत्र शामिल हैं, और चौथा सर्वेक्षण चल रहा है। उन्होंने आगे बताया कि डेंगू के खिलाफ अभियान के तहत हर शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीमें बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन समेत सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर डेंगू के लारवा का सर्वे करती हैं. इसके इलावा, विभाग जागरूकता रैलियों, रेडियो टॉक्स, सार्वजनिक संबोधन प्रणाली और अन्य जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से भी डेंगू के खिलाफ जागरूकता फैला रहा है।